बिहार की दोनों बड़ी पार्टियों जेडीयू और आरजेडी का मर्जर अब नहीं होगा. नीतीश कुमार ने पार्टी के अंदर लगी आग को शांत करने के लिए विधायक दल की बैठक में ये बात कही. नीतीश कुमार ने बीते मंगलवार को महागठबंधन की विधायक दल की बैठक में 2025 का चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ने का ऐलान किया था. उसके बाद से ही जेडीयू और आरजेडी के मर्जर की चर्चा तेज हो गई थी.
नीतीश कुमार के तेजस्वी को लेकर दिए गए बयान को पार्टी के सीनियर लीडर उपेंद्र कुशवाहा ने इसे आत्मघाती कदम बताया था, लेकिन नीतीश कुमार ने जेडीयू के विधायक दल की बैठक में मर्जर न होने की बात कहकर विधायकों को राहत जरूर दी. हालांकि अभी भी पार्टी के ऐसे बहुत नेता हैं जो 2025 में भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व को स्वीकारने में असहज हैं.
नीतीश कुमार ने ये भी खुलासा किया कि 2015-16 में मर्जर की बात दिमाग मे आई थी कि देश में एक विचारधारा के दल एक साथ आएं, लेकिन अब मर्जर की बात फालतू है. उन्होंने कहा कि जेडीयू कमजोर नहीं है. नीतीश ने विधायकों से ये भी पूछा कि क्या शराबबंदी कानून खत्म कर दें तब सभी विधायक इसके फायदे बताने लगे.
नीतीश ने तेजस्वी को लेकर दिया था बयान
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि 2025 में महागठबंधन को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लीड करेंगे. उन्होंने कहा कि इन्हें ही महागठबंधन को आगे बढ़ाना है. नीतीश कुमार ने ये बयान महागठबंधन के विधायक दल की बैठक के दौरान दिया था.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले मंगलवार को नीतीश कुमार बैठक ली थी. नीतीश के इस बयान से साफ हो गया कि 2025 का विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इस बैठक में महागठबंधन के सहयोगी सभी सात दल शामिल हुए. नीतीश कुमार ने एक बार फिर खुद के पीएम रेस में न होने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि मेरा टारगेट 2024 में भाजपा को हटाना है ना कि प्रधानमंत्री बनना है. मालूम हो कि अगस्त में नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था.