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अमित शाह के घर पहुंचे नीतीश, सीट बंटवारे पर हो सकती है चर्चा

लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की कोशिश है कि बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर आपसी रजामंदी बन जाए. माना जा रहा है कि इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिल रहे हैं.

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अमित शाह और नीतीश कुमार (ट्विटर)
अमित शाह और नीतीश कुमार (ट्विटर)

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंचे. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर हो रही है.

इससे पहले 12 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पटना दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात हुई थी. तब सीटों पर बंटवारे को लेकर दोनों नेताओं में भी चर्चा हुई थी.

खुद नीतीश ने रविवार को पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनकी बातचीत हो गई है. उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को जब अमित शाह पटना आए थे तब इस मुद्दे पर बात हुई थी. इसके बाद भी इस मसले पर हमने बात की. उन्‍होंने कहा कि सीट संख्या को लेकर कुछ दिनों के बाद ऐलान कर लिया जाएगा.

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मंगलवार को एम्स में भर्ती हुए थे नीतीश

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें बुखार, आंख और घुटने में तकलीफ थी. वह सोमवार को अचानक दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे.

कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार के बीमार होने की खबरें आईं थीं जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की थी. बीमारी की वजह से मुख्यमंत्री के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे.

हालांकि दूसरी ओर, नीतीश के दिल्ली आने के दौरान ही यह कयास लगाए जाने लगा था कि वह अपने उपचार के साथ ही 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के घटक दलों के सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप भी दे सकते हैं.

अंतिम चरण में बातचीत

इससे पहले रविवार को पटना में आयोजित जनता दल यूनाइटेड जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ सीट समझौते का मामला अंतिम चरण में है.

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार की 40 सीटों में से 22 पर जीत दर्ज की थी जबकि एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं. उस समय जेडीयू ने बीजेपी से नाता तोड़कर अलग चुनाव लड़ा था और उसे केवल 2 सीट ही हासिल हुई थी.

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2015 में मुख्यमंत्री नीतीश ने कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ महागठबंधन कर लिा और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. 20 महीने अलग रहने के बाद 2017 में नीतीश एक बार फिर एनडीए में लौट आए. लेकिन उनके आने से 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच विवाद बना हुआ है.

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