मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद इसी साल 2 अक्टूबर को समाज के दो और विसंगतियां, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की.
नीतीश कुमार का मानना था कि शराब बंदी की तरह बाल विवाह और दहेज प्रथा भी समाज में फैली ऐसी बुराइयां हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए. अब नीतीश कुमार की इस नई मुहिम का नतीजा भी महीने भर के अंदर देखने को मिल रहा है.
पिछले दिनों भोजपुर जिले में प्रकाश साह नाम के युवक और पूजा कुमारी की शादी संपन्न हुई. प्रकाश भोजपुर के चतुर्भुजी बरांव गांव के निवासी है और पूजा सीकरहटा गांव की रहने वाली. दोनों की पिछले दिनों शादी हुई और खास बात यह रही कि यह शादी एक आदर्श विवाह बन गई. क्योंकि इस विवाह में ना तो पैसे का लेनदेन हुआ, ना ही कोई दहेज का आदान-प्रदान.
प्रकाश के पिता का कहना था कि जिस प्रकार से नीतीश ने दहेज प्रथा के खिलाफ बिहार में अभियान की शुरुआत की है, उससे वह काफी प्रभावित हुए थे और इससे प्रभावित होकर उन्होंने फैसला किया कि वह अपने बेटे की शादी बिना दहेज लिए ही करेंगे.
बिना दहेज के संपन्न यह आदर्श विवाह उस वक्त चर्चा में आ गया, जब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शादीशुदा जोड़े को पटना बुलाकर उनसे अपने आवास पर मुलाकात की.
यह मुलाकात 28 अक्टूबर को हुई, जिसमें नीतीश कुमार ने प्रकाश और पूजा की प्रशंसा की और उन्हें आशीर्वाद दिया. नवविवाहित जोड़े को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री के तरफ से इन्हें बिना दहेज शादी करने के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया गया.
गौरतलब है कि पिछले साल नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू कर के समाज में फैली बुराई को दूर करने की शुरुआत की थी और इस साल इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए बाल विवाह और दहेज प्रथा से जोड़ दिया जिस के सकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं.