बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर में आरजेडी की सृजन घोटाले को लेकर की गई रैली को ना सिर्फ नुक्कड़ सभा कहा बल्कि ये भी कहा कि यह आत्मघाती नुक्कड़ नाटक था. अब यहां आत्मघाती नुक्कड़ सभा का मतलब ये माना जा रहा है कि आने वाले समय में क्या जो सृजन घोटाले का आरोप लगा रहा है, कहीं वही तो इसमें शामिल नहीं हो जाएंगे.
सबूत हो तो पेश करें: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सृजन घोटाले को लेकर सवाल के जवाब में कहा, 'मैं बार-बार कहता हूं कि जिसके पास भी सृजन घोटाले को लेकर कोई भी सबूत या कागज है, वो तुरंत सीबीआई को दे.'
नीतीश पर रैली में लगाए गए थे आरोप
भागलपुर में रविवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके दोनों बेटों तेजप्रताप यादव व तेजस्वी यादव ने सृजन घोटाले के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जिम्मेदार बताया. ये भी आरोप लगाया कि सृजन घोटाले में बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई है.
अमर्यादित शब्दों का हो रहा इस्तेमाल
नीतीश कुमार ने पटना में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में आरजेडी की भागलपुर की रैली को नुक्कड़ नाटक कहा और साथ में ये भी कहा कि ये आत्मघाती नाटक है, इसका पता थोड़े दिन में चल जाएगा. नीतीश कुमार ने कहा कि मर्यादा का उल्लंघन हो रहा है, जिस तरीके के शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके खिलाफ वैसी भाषा का प्रयोग वो नहीं कर सकते हैं.
CBI कर रही है घोटाले की जांच
नीतीश कुमार ने ये भी कहा, 'मेरा जो काम था, मैंने कर दिया. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. अब कोर्ट की निगरानी में जांच हो, इसके लिए तो किसी कोर्ट में जाना पड़ेगा.' नीतीश ने ये भी कहा कि अगर किसी के पास कोई साक्ष्य या दास्तावेज है, तो पेश करे. जो भी इसमें शामिल है, वो बचेगा नहीं. केवल आरोप लगाने से काम नहीं चलेगा.
नोटबंदी से देश को हुआ फायदा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब भी लगता है कि नोटबंदी से देश को फायदा हुआ है. क्योंकि जो पैसे कालेधन के रूप में लोगों के पास थे वो बैंक में जमा हुए जिससे फायदा हुआ. दूसरी तरफ जिन्होंने बैंक में पैसे डाले उन्हें स्त्रोत बताना पड़ा. बता दें कि नीतीश कुमार ने नोटबंदी का शुरू से समर्थन किया है. जिस दिन ये लागू हुआ उसके अगले ही दिन नीतीश कुमार ने इसे केंद्र सरकार का अच्छा कदम बताया था. हांलाकि उस समय वो महागठबंधन के साथ थे और उनके सहयोगी दल आरजेडी और कांग्रेस ने नोटबंदी का विरोध किया था. नीतीश कुमार को लगता है कि नोटबंदी से फायदा हुआ है. उन्होंने फिर कहा कि बेनामी सम्पति पर चोट जरूरी है, क्योंकि कालाधन बेनामी सम्पति के रूप में मौजूद है.