बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे के माहौल से खुश नहीं हैं. इसकी वजह यह है कि राज्य में जगह-जगह दंगा और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. अररिया में देश विरोधी नारे, दरभंगा में मोदी चौक को लेकर विवाद और अब भागलपुर में दंगा कराने की कोशिश की घटनाएं सामने आने से सूबे का माहौल बिगड़ गया है. नीतीश कुमार ने कहा कि आज वोट के लिए झगड़ा कराया जा रहा है.
बिहार की राजधानी पटना में आयोजित युवा सम्मेलन में सीएम ने कहा कि अगर कोई बिना इजाजत के जुलूस निकालता है, तो एफआईआर दर्ज होती है. सरकार कोई कोताही बरतने वाली नहीं है. उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि अगर एक पक्ष तनाव पैदा करता है और आप इसको लेकर विधानसभा नहीं चलने देते हैं, तो इसका मतलब आप इसको बढ़ावा देना चाहते हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि सभी को समाज में प्रेम का माहौल पैदा करना चाहिए. अगर कोई गलती करता है, तो उसकी निंदा होनी चाहिए. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे तनाव के मसले को लेकर इतना चिल्लाया नहीं जाना चाहिए कि दो पक्षों में टकराव की स्थिति पैदा हो जाए. यह सद्भावना की नजीर नहीं है. यह बिगड़े माहौल में तनाव को बढ़ाने की साजिश है.
भागलपुर में केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी चौबे के बेटे अर्जित शास्तव चौबे ने हिंदु नववर्ष के दिन नाथनगर में शोभा यात्रा निकाली. इस शोभा यात्रा के लिए प्रशासन से इजाजत नहीं ली गई थी. यह जुलूस मोटर साईकिलों पर निकाले गए. इस दौरान डीजे पर भड़काऊ गाने चल रहे थे. उसी समय सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई. काफी मशक्कत के बाद स्थित काबू में की जा सकी.
प्रशासन ने बिना इजाजत जुलूस निकाले के आरोप में अर्जित समेत 500 लोगों पर मामला दर्ज किया है, लेकिन आरजेडी और कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने में लगी हैं. विपक्ष का कहना है कि अर्जित पर मामूली धारा के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही उनकी गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई है? इसको लेकर पिछले दो दिनों से विधानसभा में हंगामा हो रहा है और कामकाज ठप है.
नीतीश कुमार का कहना है कि विपक्ष इस मसले को अनावश्यक तूल देकर तनाव को और बढ़ाना चाहता है. जबकि ऐसे मौकों पर वतावरण को और शांत करने की जरूरत हैं, लेकिन यहां आग में घी डालने का काम किया जा रहा है.