कटिहार के सदर अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध नहीं करने के मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को जमकर क्लास लगाई. नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी घटनाओं से दुख होता है. हम लोग दिन रात व्यवस्था ठीक करने में लगे रहते हैं और अधिकारियों की एक चूक से सब गुड गोबर हो जाता है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को मामले की जांच करने का आदेश दिया.
26 सितंबर का मामला
बीती 26 सितंबर को कटिहार सदर अस्पताल ने एक डिकंपोज्ड बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर रेफर किया लेकिन उस बॉडी को भागलपुर ले जाने के लिए शव वाहन का इंतजाम नहीं किया. बाद में जब मीडिया खबर बनाने लगी तो आनन-फानन में एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई.
शव वाहन न मिलने से नाराज थे सीएम
मुख्यमंत्री इस बात को लेकर बेहद नाराज थे कि एक व्यक्ति अपने पोते को शव को प्लास्टिक में लपेट कर ले जा रहा है और सभी सुविधाएं होने के बावजूद शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. गंगा के बाढ़ में नाव से उतरते वक्त कटिहार के कुर्सेला थाना क्षेत्र के सिंटू साह की डूबने से मौत हो गई. सिंटू साह का शव 14 दिन बाद बरामद हुआ. 25 सितंबर को पोस्टमार्टम के लिए शव को कटिहार सदर अस्पताल लगाया गया लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से 24 घंटे तक उसका पोस्टमार्टम नही किया गया. अंत में शव को पोस्टमार्टम के लिए इस आधार पर भागलपुर रेफर कर दिया गया कि बॉडी डिकंपोज्ड है. मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि कटिहार में ये सुविधा क्यों नही है. इसकी जांच कीजिए.