बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोग गजब के धंधेबाज है. आठ अगस्त की शाम जब मैं दफ्तर में बैठा था, तभी मुझे पता चला कि भागलपुर में सरकारी पैसों का दुरुपयोग एक निजी संस्था कर रही है. सृजन नाम की यह संस्था सरकारी राशि को अपने खाते में डालकर निजी काम कर रही है. नौ अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस मनाया जाता है, उस समारोह में मैंने ये सारी जानकारी जनता को दी और यह भी कहा कि भागलपुर में 250 करोड़ का घोटाला हो गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुरंत मैंने आर्थिक अपराध इकाई की टीम जांच करने के लिए भेज दी. उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जो पहले सीबीआई को सरकारी तोता कहते थे, वही सीबीआई जांच की मांग करने लगे. यह सुनकर बड़ा अच्छा लगा. मैंने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है और शुक्रवार को चिठ्ठी भी भेज दी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि चेकबुक के बारे में डीएम को पता नहीं है. चेकबुक संस्था के पास बैंक की मिलीभगत से चला जता था. मामले में फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे निकाले गए. जब चेक बाउंस हुआ, तब पता चला. हालांकि अब कोई नहीं बचेगा. जो भी इस घोटाले के जिम्मेदार होंगे, उन्हे छोड़ा नहीं जाएगा. लोग सोचते हैं कि माल बनाकर बच जाएंगे, वो बचेंगे नहीं.
नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं क्यों लोग धन के पीछे पागल होते हैं, जबकि कफन में जेब भी नहीं होता है. कुमार ने कहा कि मैं बार-बार इस बात को दोहराता हूं, तभी मैंने नोटबंदी का समर्थन किया था और बेनामी संपत्ति पर वार करने की मांग की थी. मैं भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं कर सकता. फिर चाहे कोई भी हो.