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बिहार का सियासी संकट चरम पर, दिल्ली पहुंचे नीतीश समर्थक MLA

बिहार में मचा सियासी घमासान अब चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है. पूर्व सीएम नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे 130 विधायकों का ग्रुप दिल्ली पहुंच रहा है. इसमें खुद नीतीश कुमार भी शामिल हैं. इन सभी विधायकों का राष्ट्रपति के सामने परेड कराने का प्रोग्राम है.

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नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी
नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी

बिहार में मचा सियासी घमासान अब चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है. पूर्व सीएम नीतीश कुमार को समर्थन दे रहे 130 विधायकों का ग्रुप दिल्ली पहुंच रहा है. इसमें खुद नीतीश कुमार भी शामिल हैं. इन सभी विधायकों का राष्ट्रपति के सामने परेड कराने का प्रोग्राम है.

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दिल्ली रवाना होने से पहले नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे मामले में किसी को भी गलत तौर-तरीके अख्त‍ियार करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'राज्यपाल महोदय के सामने पूरा संख्या बल लिख‍ित रूप में पेश किया जा चुका है. पर इस मामले में देरी माहौल को खराब करती है.' नीतीश बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले हैं.

नीतीश समर्थक 70 विधायक मंगलवार शाम को हवाई जहाज से दिल्ली पहुंच चुके हैं. अन्य समर्थक विधायक दूसरे विमान से दिल्ली पहुंच रहे हैं.

बिहार में अब राजभवन की ओर सभी की‍ निगाहें टिकी हुई हैं. नीतीश समर्थक विधायकों ने राज्यपाल से आग्रह किया था कि वे जल्द से जल्द नए सीएम के बारे में फैसला करें.

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने जानकारी दी कि पांच बजे की फ्लाइट से 70 विधायक दिल्ली रवाना हुए, जबकि बाकी विधायक देर शाम दिल्ली रवाना होंगे. उन्होंने कहा, 'बहुमत होने के बावजूद नीतीश कुमार को अब तक सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं मिला है. अब लोग राष्ट्रपति के सामने गुहार लगाने दिल्ली जा रहे हैं. राष्ट्रपति खुद अपनी आंखों से स्थिति देख लें.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा गया है.

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जेडीयू विधानमंडल दल के नवनिर्वाचित नेता नीतीश कुमार सोमवार को 130 विधायकों के साथ पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे थे और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. नीतीश के साथ जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद भी थे.

इन 130 विधायकों में जेडीयू के 99, आरजेडी के 24, कांग्रेस के 5, सीपीआई के एक और एक निर्दलीय विधायक हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान समय में 10 सीटें रिक्त हैं. बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की संख्या की जरूरत है.

इधर, मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी सोमवार को राज्यपाल से मिलकर बहुमत साबित करने की बात कही है. ऐसे में देखना होगा कि राज्यपाल का फैसला क्या होता है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से इनकार करने वाले जीतनराम मांझी को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के लिए जेडीयू अध्यक्ष ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. मांझी को रविवार को ही पार्टी विधायकों की बैठक में जेडीयू विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने नीतीश कुमार को विधानमंडल दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी थी.

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