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बिहार: नीतीश को 130 विधायकों के समर्थन का दावा, राज्यपाल को सौंपी जाएगी चिट्ठी

बिहार में सियासी घमासान पल-पल तेज होता जा रहा है. नीतीश कुमार एक बार‍ फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने को तैयार हैं, तो सीएम जीतनराम मांझी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. JDU में टूट के आसार के बीच नीतीश रविवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रहे हैं.

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जीतनराम मांझी (फाइल फोटो)
जीतनराम मांझी (फाइल फोटो)

बिहार में सियासी घमासान पल-पल तेज होता जा रहा है. नीतीश कुमार एक बार‍ फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने को तैयार हैं, तो सीएम जीतनराम मांझी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. JDU में टूट के आसार के बीच नीतीश रविवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रहे हैं. 'जीतनराम मांझी की विदाई की अंदर की पूरी कहानी'

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नीतीश के समर्थन में 130 विधायक!
दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार के समर्थन में कुल 130 विधायक हैं. नीतीश को समर्थन दिए जाने वाली चिट्ठी लेकर जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई के प्रतिनिधि‍ रविवार दोपहर को राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. राज्यपाल के बाहर रहने की वजह से फिलहाल इनकी मुलाकात नहीं हो पाई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि उसके बाद राज्यपाल आगे क्या कदम उठाते हैं.

'मांझी की नाव कभी डूबती है क्या...'
जीतनराम मांझी से रविवार सुबह पत्रकारों ने सवाल पूछा कि क्या मांझी की नाव डूब जाएगी? इसके जवाब में मांझी ने खुद ही सवाल दाग दिया, 'मांझी की नाव कभी डूबती है क्या?'

खास बात यह है कि जीतनराम मांझी इस वक्त दिल्ली में हैं और वे पीएम नरेंद्र मोदी से रविवार शाम 5 बजे मुलाकात करने वाले हैं. मांझी नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने वाले हैं. मांझी ने PM मोदी से अलग से मुलाकात करने का वक्त मांगा था.

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जहां तक नीतीश की बात है, वे शनिवार को ही जेडीयू विधायक दल के नेता चुने जा चुके हैं. अगर आगे सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो उनका फिर से सीएम बनना तय माना जा रहा है.

'मांझी रामायण के विभीषण'
इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी की भी नजरें टिकी हुई हैं. सपा नेता नरेश अग्रवाल ने जीतनराम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने रामायण के 'विभीषण' की तरह काम किया.

गौरतलब है कि जीतनराम मांझी ने शनिवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. इसके बाद नीतीश खेमे के 20 मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद प्रदेश की राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी हो गई. बिहार के इन मंत्रियों ने दिया इस्तीफा...

पीएम मोदी से मांझी की मुलाकात क्या रंग लाती है, यह देखा जाना अभी बाकी है. बहरहाल, प्रदेश की राजनीति में उबाल बढ़ता ही जा रहा है.

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