बिहार के दरभंगा में उस वक्त अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई को खुद अपनी असलियत साबित करने का प्रमाण स्थानीय बिहार पुलिस प्रशासन को देना पड़ा. ये पूरी घटना उस वक्त घटी जब चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले की जांच करने सीबीआई दरभंगा आई हुई थी.
स्थानीय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दरभंगा के एक होटल में नकली सीबीआई ऑफिसर के रूप में कुछ लोग चिटफंड कंपनियों के ऐजेंट से निवेश की हुई राशि का असली प्रमाण पत्र ले रहे हैं. प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस फौरान मौके पर पहुंची और तहकीकात शुरू कर दी.
इस दौरान दरभंगा पुलिस ने बंद कमरे में सीबीआई अधिकारियों से घंटों पूछताछ की. साथ ही दरभंगा जिले के सीनियर पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई के बड़े अधिकारियों से जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया. सीबीआई के अधिकारी बार-बार अपने असली होने का दावा कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी.
आखिरकार जब पुलिस को पूरी तरह संतुष्टि हो गई कि होटल में मौजूद सारे लोग असली सीबीआई के अधिकारी हैं तब जाकर दरभंगा के सिटी एसपी योगेंद्र कुमार ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि ये सीबीआई के असली अधिकारी हैं और चिटफंड कंपनी के बारे में जांच पड़ताल करने यहां पहुचे हैं.
बता दें कि दरभंगा में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम गुवाहाटी से सीबीआई डीएसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में पिछले कई दिनों से नॉन बैकिंग की तरह काम करने वाली कंपनी आइडल इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड के फर्जीवाड़े की जांच में जुटी थी. ये अधिकारी कंपनी से जुड़े एजेंटों को बुलाकर उनसे असली कागजात लेकर उन्हें रिसीविंग भी दे रहे थे, लेकिन किसी ने पुलिस को फोन कर दिया कि होटल में रुके लोग नकली सीबीआई के अधिकारी हैं.
इस पूरे मामले पर सीबीआई के डीएसपी संतोष कुमार का कहना है कि चिटफंड मामले की जांच 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने ही सीबीआई को सौंपी थी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही सीबीआई की टीम जांच के लिए दरभंगा पहुंची थी. पिछले पांच दिनों से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है.
सीबीआई के डीएसपी संतोष कुमार ने कहा कि जिस कंपनी की जांच सीबीआई कर रही है उसके एजेंट्स को बुलाकर असली दस्तावेज लिए जा रहे हैं, ताकि गरीब लोगों के पैसों को उन तक पहुंचाया जाए. इसके लिए फर्जी कंपनी चलाने वाले लोगों की कई संपत्तियों को जब्त कर उनसे वसूली भी की जा रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि जांच के दौरान फर्जी चिटफंड कंपनियों ने चिटफंड के नाम पर करीब 120 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है. सीबीआई केस रजिस्टर कर गहराई से इसकी जांच कर रही है.
नकली सीबीआई होने के आरोप पर डीएसपी संतोष कुमार ने कहा कि हमलोगों के माथे पर सीबीआई नहीं लिखा होता है, ये लोगों की सोच और समझदारी पर निर्भर करता है. वहीं, असली दस्तावेज लेने के सवाल पर डीएसपी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में फोटो कॉपी नहीं बल्कि ऑरिजनल दस्तावेज ही दिए जाते हैं.