बिहार में एक ओर जहां चमकी बुखार से 73 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं गर्मी आग बनकर बरस रही. राज्य में शनिवार को ही 37 लोगों ने दम तोड़ दिया है. गया में चढ़ते पारा के साथ लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. यहां पर शनिवार को तापमान 45 के पार पहुंचा और दोपहर होते-होते गर्म हवा ने लोगों की जान लेना भी शुरू कर दिया. शाम होते-होते लू में मरने वालों की संख्या अकेले गया में 12 तक जा पहुंची. 40 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं.
गया के अलावा औरंगाबाद में गर्मी ने 25 लोगों की मौत की नींद सुला दी. यहां लगातार अलग-अलग इलाकों से लू लगने की खबरें आ रही है. सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ने इसकी पुष्टि की है. सिविल सर्जन के मुताबिक लू लगने के कारण शनिवार को 25 लोगों की मौत हो गई.
मौसम विभाग के अनुसार गया में शनिवार को 45.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. वहीं, औरंगाबाद में शनिवार को दोपहर के बाद अधिकतम पारा 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गर्मी से रविवार को भी राहत मिलने की आशंका नहीं है.
उधर मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 73 लोगों की जान चली गई है. 10 लोगों ने तो सिर्फ 2 दिनों में ही दम तोड़ा है. मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े सदर अस्पताल में लगातार चमकी बुखार से प्रभावित मासूम पहुंच रहे हैं. आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी चमकी बुखार के कहर का जायजा लेने मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं. डराने वाली बात ये है कि अब ये दिमागी बुखार पास के जिलों को भी अपनी चपेट में ले रहा है.
सीतामढ़ी, बेगूसराय और मोतिहारी में चमकी बुखार के मामले सामने आए हैं. चमकी बुखार की वजह को लेकर भी बहस जारी है. कोई इसे लीची खाने से जुड़ा बता रहा हैं तो कोई कुछ और.
बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.