आमतौर पर परीक्षा में बेटे के पास होने पर माता-पिता खुशियां मनाते हैं लेकिन बिहार के पटना जिले के मीरनगर गांव में दो परिवार अपने बेटों के परिणाम देखने के बाद आंसू नहीं रोक पाए.
दरअसल, दो छात्रों को एक अन्य गांव के लोगों ने दो दिन पहले चोर समझकर मौत के घाट उतार दिया था. वे दोनों छात्र 10वीं में पास हो गए हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने गुरुवार को 10वीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया. परीक्षा परिणाम में खुसरूपुर थाना क्षेत्र के महादेव उच्च विद्यालय के छात्र गोलू और छोटू क्रमश: 175 और 208 अंक (तृतीय श्रेणी) लेकर पास हुए.
अपने लाडलों को खो चुके दोनों परिवार इस परीक्षा परिणाम को देखकर फूट-फूट कर रोए. गोलू के पिता सागर पासवान ने रूंधे गले से कहा, 'दोनों होनहार थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. हमारे लिए अब 10वीं के परिणाम का क्या मतलब?' परीक्षा परिणाम देखने के बाद छोटू के पिता विश्वनाथ प्रसाद टूट गए, वहीं उनकी पत्नी अपने आंसू नहीं रोक पाईं. परीक्षा परिणाम आने से दो दिन पहले मीरनगर निवासी विश्वनाथ प्रसाद का बेटा छोटू कुमार और सागर पासवान का बेटा गोलू कुमार बैकटपुर गांव में खड़े होकर मोबाइल पर बात कर रहे थे.
उन्हें वह खड़ा देखकर ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझा. दरअसल, कुछ ही दिन पूर्व ही गांव से एक ट्रैक्टर की बैट्री चोरी हुई थी. ग्रामीणों ने दोनों की लाठी-डंडे से पिटाई की. पिटाई की वजह से दोनों छात्र बेहोश हो गए. ग्रामीण उन्हें वहीं सड़क किनारे छोड़कर चले गए. पुलिस दोनों को फतुहा राजकीय अस्पताल ले गई, जहां से उन्हें पटना रेफर कर दिया गया. पटना ले जाते समय दोनों ने दम तोड़ दिया.
छोटू के पिता बिहार पुलिस, भागलपुर में सहायक अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं.