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SC/ST एक्ट को कमजोर करने वाली मायावती भड़का रहीं हिंसा: सुशील मोदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दलित हिंसा को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने पटना में बयान जारी कर कहा कि जिस मायावती ने मुख्यमंत्री रहने दौरान दुरुपयोग के आधार पर दो-दो आदेश निकालकर एससी/एसटी एक्ट को शिथिल किया था, वही आज केंद्र सरकार पर आरोप मढ़कर हिंसा भड़का रही हैं.

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बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी

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बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दलित हिंसा को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने पटना में बयान जारी कर कहा कि जिस मायावती ने मुख्यमंत्री रहने दौरान दुरुपयोग के आधार पर दो-दो आदेश निकालकर एससी/एसटी एक्ट को शिथिल किया था, वही आज केंद्र सरकार पर आरोप मढ़कर हिंसा भड़का रही हैं.

उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट में भारत सरकार ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव किया है. केंद्र सरकार ने तो एक्ट को और मजबूत बनाने के लिए साल 2016 में संशोधन किया था. सुशील मोदी ने कहा कि साल 2007 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने के एक सप्ताह के भीतर मायावती ने पहला और कुछ महीने बाद दूसरा आदेश निकालकर न सिर्फ एससी/एसटी एक्ट को शिथिल किया था, बल्कि यह स्वीकार भी किया था कि इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है.

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मायावती सरकार के मुख्य सचिव शंभुनाथ की ओर से मई 2007 को जारी आदेश में कहा गया था कि एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. लिहाजा सिर्फ शिकायत दर्ज होने पर कार्रवाई करने के बजाय जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर ही गिरफ्तारी की जाए. मायावती सरकार द्वारा 29 अक्तूबर 2007 को जारी दूसरे आदेश में यह निर्देश दिया गया था कि हत्या और बलात्कार के गंभीर मामलों के अलावा अपराध के छोटे-मोटे मामले को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया जाए.

इस आदेश में यह भी कहा गया कि बलात्कार के मामले में भी मेडिकल जांच में प्रथम दृष्टया आरोप की पुष्टि होने के बाद ही एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया जाए. साथ ही अगर यह पाया जाता है कि कोई इस कानून का दुरुपयोग कर रहा है, तो  धारा 182 के तहत उसको दंडित किया जाए. मोदी के मुताबिक आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाकर मायावती की बसपा और अन्य विपक्षी पार्टियां केंद्र की एनडीए सरकार पर आरोप लगा रही हैं और इस मुद्दे पर अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को गुमराह कर हिंसा भड़का रही हैं.

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