बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 2019 का संसदीय चुनाव बिहार में भाजपा गठबंधन के साथ मिलकर लड़ने का प्रस्ताव पारित कर विरोधियों को करारा झटका दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले महागठबंधन में नीतीश कुमार के लौटने का ख्याली पुलाव पका रहे थे, ये उनके लिए बड़ा झटका है.
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के पक्षधर हैं, ताकि हर साल कहीं न कहीं होने वाले चुनाव के चलते विकास की प्रक्रिया बाधित न हो. इससे कालाधन पर भी लगाम लगेगी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर समर्थन करते हुए बिहार से जदयू, उत्तर प्रदेश से सपा और तेलंगाना से टीआरएस ने विधि आयोग को अपने विचार भेज दिए हैं. सुशील मोदी ने कहा कि राजद और कांग्रेस जैसे दल केवल विरोध के लिए विरोध की हठधर्मी पर कायम हैं.
क्या जेडीयू को इग्नोर करना पड़ सकता है BJP को भारी? ये है नीतीश की ताकत का गणित
दिल्ली में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो गई. तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी ने नीतीश कुमार को 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़े राजनैतिक फ़ैसले लेने के लिए अधिकृत किया. वहीं बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि करप्शन के मुद्दे पर राहुल गांधी का रूख साफ़ नहीं है. नीतीश कुमार फिर दोहराया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हमारे लिए अहम मुद्दा है.
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि अभी तक सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सबसे ख़राब स्थिति में भी जेडीयू को 17 प्रतिशत वोट मिला था. नीतीश का कहना है कि जो हमें राजनीति में इग्नोर करेगा वो खुद राजनीति में इग्नोर हो जाएगा.