आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद पार्टी की बागडोर उनके छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने संभाली है, मगर तेजस्वी यादव का नेतृत्व पार्टी के कई शीर्ष नेताओं को नागवार गुजर रहा है. तेजस्वी की पार्टी की कमान संभालने के बाद मंगलवार को पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अशोक कुमार सिन्हा ने पार्टी छोड़ दी. अशोक सिन्हा ने कहा कि उन्हें तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार नहीं है और इसी वजह से वह पार्टी छोड़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव के खिलाफ अशोक कुमार सिन्हा के उठाए कदम पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता तेजस्वी के नेतृत्व में घुटन महसूस कर रहे हैं और बहुत जल्द वह भी पार्टी छोड़ेंगे. मोदी ने कहा कि पार्टी के बड़े नेता पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं और केवल माकूल वक्त का इंतजार कर रहे हैं.
मोदी ने कहा कि आरजेडी के अंदर मचे घमासान से तेजस्वी यादव इतने बेचैन हो चुके हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि आरजेडी खुद टूट की कगार पर है और ऐसे में तेजस्वी यादव बेवजह NDA में टूट का भ्रम फैला रहे हैं. तेजस्वी पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि दूसरे के घर में फूट देखने से अपने घर की दरारें नहीं मिट जाती.
पिछले महीने बक्सर के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले के ऊपर हुए हमले और उसके बाद वहां के स्थानीय महादलित परिवारों के ऊपर पुलिसिया कार्रवाई का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दलित और वंचित समुदाय के साथ किसी प्रकार का कोई अत्याचार ना हो और यदि ऐसी कोई घटना होती है तो अपराधियों को तुरंत सजा दिलाई जाए.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार में यदि किसी दलित की हत्या होती है तो उनके आश्रितों को राज्य सरकार 8.50 लाख और दुष्कर्म पीड़िता को 5 लाख रुपए मुआवजा दिया जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर ट्वीट करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोनों चुनाव एक साथ कराने का विचार बुद्धिमतापूर्ण है. जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ कराने को लेकर सहमति जताई है, उसका भी मोदी ने स्वागत किया है.