नब्बे के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के तेवर उनके बेटों में दिखने लगे हैं. मंगलवार को पहली बार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पटना के एक गर्ल्स स्कूल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए. तेजस्वी के इस दौरे ने कइयों को हैरत में डाल दिया.
जानकारी के मुताबिक, तेजस्वी कदमकुआं इलाके के सीनियर सेकेंड्री गर्ल्स स्कूल (राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या प्लस टू विद्यालय) का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. हालांकि तेजस्वी का अंदाज लालू से जुदा है. ना कोई डांट-फटकार ना ही कोई शिकायत. स्कूल में एक शिक्षक मौजूद मिली जबकि ज्यादातर नदारत थीं.
तेजस्वी ने पूरे स्कूल का लिया जायजा
लड़कियों ने एक-एक करके अपनी शिकायत डिप्टी सीएम के सामने रखीं. तेजस्वी यादव ने पूरे स्कूल में घूम-घूमकर हालात का जायजा लेते रहे. तेजस्वी सबसे पहले लड़कियों के बीच पहुंचे, जहां सभी लड़कियों को एक साथ बिठाया गया. फिर उन्होंने कुछ लड़कियों को उठाकर उनसे स्कूल के हालात पूछे और शिकायतें सुनीं.
लड़कियों दिया जाने वाला खाना भी खाया
शिकायतें सुनने के बाद तेजस्वी स्कूल के किचन पहुंचे जहां उन्होंने लड़कियों के लिए बना खाना भी चखा. उन्होंने लड़कियों के हॉस्टल के कमरों और बिल्डिंग की हालत का भी जायजा लिया. इसके साथ ही उन्होंने टॉयलेट की व्यवस्था को भी परखा.
लालू की याद दिलाता है ये दौरा
तेजस्वी का ये दौरा उस दौर की याद दिलाता है जब लालू यादव भी रैन बसेरों से लेकर अस्पताल और स्कूलों के औचक निरीक्षण में पहुंच जाते थे. किसी स्कूल में तेजस्वी का अचानक पहुंचना पहले किसी आश्चर्य से कम नहीं था क्योंकि लालू के उलट तेजस्वी, नीतीश के तौर-तरीकों के लिए जाने जाते हैं. स्कूल की प्रिंसिपल ने खराब बिल्डिंग की शिकायत की. तेजस्वी ने कहा कि ये उनका औचक निरीक्षण हालात जानने के लिए था. क्योंकि वह पिछड़ा वर्ग विभाग के मंत्री हैं इसलिए वो सभी स्कूलों में जाकर खुद हालात देखेंगे.
तेज प्रताप भी कर चुके हैं अस्पतालों का दौरा
इसके पहले 29 दिसंबर को लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था जहां उन्होंने भी गड़बड़ियां पकड़ी थीं. वहीं, लालू भी आईजीआईएमएस का दौरा कर हालात का जायजा ले चुके हैं. उन्होंने वहां के खराब हालात को देखकर अपने बड़े बेटे और स्वास्थ्य मंत्री, तेजप्रताप को वहीं से फोन मिलाकर हालात की जानकारी दी थी.