बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कैमूर जिले में एक बार फिर किसान बिल का विरोध देखने को मिल रहा है. दर्जनों किसानों ने अपनी मांगों के साथ किसान बिल के विरोध में भभुआ के पटेल चौक को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल को किसान विरोधी बताया.
दरअसल, किसान विजय बहादुर सिंह ने बताया कि किसानों की स्थिति शुरू से अब तक दयनीय बनी हुई है. हम किसानों की मांग है कि सरकार को लागत मूल्य से ऊपर समर्थन मूल्य रखना चाहिए और सरकार जो समर्थन मूल्य निर्धारित करती है. उस पर भी धान की खरीदारी नहीं करती है. सभी किसान सरकार के इस रवैया से काफी नाराज हैं. अगर जरूरत पड़ी तो इस सरकार को हम लोग गिराने का भी काम करेंगे. हमें ऐसी निकम्मी सरकार की जरूरत नहीं है.
वहीं, किसान राजेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि सरकार ने जो समर्थन मूल्य तय किया है. उसी पर धान गेहूं की फसल को खरीदना चाहिए. हमारी मांग है कि किसानों को बिजली मुफ्त में दिया जाए. किसानों के पास बिजली का बिल बहुत ज्यादा आता है. उपज की बाजार में कीमत अच्छे दाम पर नहीं मिल पाती है. बिजली बिल कहां से भरें. किसानों के फसलों का लागत मूल्य का आंकलन करके उसका समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए.
किसानों का कहना है कि मोदी सरकार कहती है कि 2022 तक किसानों की आय हम दोगुनी करेंगे, लेकिन आज तक किसानों के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ. किसानों की स्थिति खराब होती जा रही है. आज की स्थिति यह है कि 1500 रुपए क्विंटल चावल भी कोई पूछने वाला नहीं है और फसल को उपजाने में प्रति क्विंटल 1500 रुपए से अधिक खर्च लग जाता है. हम लोग भभुआ के पटेल चौक पर शांतिपूर्वक और साधारण ढंग से अपना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
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