बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चमकी बुखार को मेडिकल भाषा में Acute Encephalitis Syndrome (AES) कहा जाता है. इस बीमारी से पिछले 20 से 22 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जानकारी दी थी कि अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन ये अब आंकड़े अब बढ़ गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक 46 बच्चों की मौत मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में हुई, जबकि 8 बच्चे केजरीवाल हॉस्पिटल में मरे हैं. 3 बच्चों की मौत दूसरे अस्पतालों में हुई है. बच्चों की मौतों पर घिरती नीतीश सरकार अब एक्शन में आ गई है. शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और इंसेफेलाइटिस वार्ड का निरीक्षण किया.
Bihar Health Minister Mangal Pandey visited Sri Krishna Medical College and Hospital (SKMCH) in Muzaffarpur, early morning today. Death toll due to acute encephalitis syndrome (AES) is 54 (46 at Sri Krishna Medical College and Hospital and 8 at Kejriwal Hospital). pic.twitter.com/lG5Wyv2HKh
— ANI (@ANI) June 14, 2019
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि डॉक्टरों को सारे निर्देश दिए गए हैं और बच्चे की विशेष निगरानी की जा रही है. बता दें कि मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मुख्य रूप से इलाज चल रहा है. बता दें कि चमकी बुखार के लक्षणों में लगातार तेज बुखार चढ़े रहना, बदन में ऐंठन, दांत चढ़े रहना, सुस्ती और कमजोरी शामिल है.
चमकी बुखार के चपेट में गरीब परिवारों के बच्चे आ रहे हैं. मृतक बच्चों में से अधिकांश की आयु 1 से 7 वर्ष के बीच है. गौरतलब है कि इस बीमारी के लक्षणों और कारणों का देश के विशेषज्ञ अध्ययन कर चुके हैं. दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के विशेषज्ञों की टीम और पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी इस बीमारी पर रिसर्च कर रही है.