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बिहार: प्रदेश के बाहर रह रही इन महिलाओं को भी मिलेगा आरक्षण का लाभ, जानें नियम

बिहार में विवाह के बाद प्रदेश से बाहर रह रहीं महिलाओं को भी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलने जा रहा है. लेकिन इसके लिए शर्त है कि महिला को अपने पति के बजाए पिता के स्थानीय पते (बिहार) के आधार पर आरक्षण के लिए आवेदन करना होगा. बिहार में महिलाओं को सरकारी नौकिरयों में 35 फीसदी आरक्षण प्राप्त है. 

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार में शादीशुदा महिलाओं को आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने नए नियम जारी किए हैं. नए नियमों के तहत शादी के बाद बिहार से बाहर रह रही महिलाएं भी आरक्षण का लाभ उठा सकती हैं. लेकिन इसके लिए शर्त है कि महिला को अपने पति के बजाए पिता के स्थानीय पते (बिहार) के आधार पर आरक्षण मिलेगा. बिहार में महिलाओं को सरकारी नौकिरयों में 35 फीसदी आरक्षण प्राप्त है. सरकार एक साल के भीतर चरणबद्ध तरीके से कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों के लगभग चार लाख पदों के लिए विज्ञापन जारी कर सकती हैं.

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इस संबंध में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने दो सितंबर को पत्र जारी किया. इस पत्र में कहा गया कि बिहार सरकार ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि क्या किसी विवाहित महिला को अपने पिता की जाति के आधार पर आरक्षण का लाभ मिल सकता है या नहीं. 

पत्र में कहा गया, ऐसी महिलाएं जिनके पिता बिहार के स्थानीय निवासी हैं, उन्हें सिर्फ इस आधार पर आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता कि उनका आवासीय प्रमाणपत्र उनके पति के आवासीय पते के आधार पर जारी किया गया है. 

जीएडी के पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि आरक्षण का लाभ उठाने का आधार महिला के पिता की जाति के आधार पर तय होगा. बिहार के उपसचिव रजनीश कुमार ने सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को लिखे पत्र में 1996 की सरकार के आदेश का हवाला दिया, जिसमें आरक्षण का लाभ उठाने के लिए बिहार का स्थानीय निवासी होने का प्रावधान है. इस पत्र में आवेदक की जाति पर फैसला करने के लिए राज्य सरकार के 2007 के आदेश का भी उल्लेख किया गया है.

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बता दें कि अधिकतर महिलाएं कामकाज के लिए अपने पति के आवासीय पते का इस्तेमाल करती हैं और इन महिलाओं में से अधिकतर की शादी अपनी जाति के बाहर होती है. इसके लिए राज्य सरकार ने तय किया है कि विवाहित महिलाओं को आरक्षण का लाभ देने के लिए पिता के स्थानीय पते और जाति को आधार माना जाएगा. किसी भी विवाहित महिला उम्मीदवार को आरक्षण का लाभ उठाने के लिए अपने पिता के गांव या कस्बे के तहत आने वाले सर्किल ऑफिस से जारी किए गए नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट को पेश करना होगा.

बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार सरकार ने 2006 और 2007 में पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण तय किया था. सरकार राज्य पुलिस और अन्य सरकारी नौकरियों में भी 35 फीसदी आरक्षण ला चुकी है. 

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