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ग्राउंड रिपोर्ट: चमकी बुखार से जिनके बच्चे मरे उन्हीं पर मुकदमा दर्ज, डर से पलायन

18 जून को वैशाली जिले के हरबंशपुर गांव के कुछ लोगों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने के आरोप में पुलिस ने 19 नामजद लोगों और 20 गैर नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपने बेटे या बेटी को चमकी बुखार के चलते खो दिया है.

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मुकदमे के डर से पलायन (फोटो-aajtak)
मुकदमे के डर से पलायन (फोटो-aajtak)

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बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौतों की त्रासदी के बीच सिस्टम की बेरुखी की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो इंसानियत को शर्मसार कर देगी. 18 जून को वैशाली जिले के हरबंशपुर गांव के कुछ लोगों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने के आरोप में पुलिस ने 19 नामजद लोगों और 20 गैर नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, उनमें से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपने बेटे या बेटी को चमकी बुखार के चलते खो दिया है. जिनके नाम मुकदमे में दर्ज हैं,  वह लोग गिरफ्तारी के डर से गांव छोड़कर भाग गए हैं, या लापता हैं.

चतुरी सैनी के दो बच्चे 8 जून को चमकी बुखार से मौत का शिकार हो गए. दोनों बच्चों को मुजफ्फरपुर के जिला और सदर अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. 18 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने के आरोप में पुलिस ने चतुर सैनी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है. चतुरी के परिवार में अब दो बच्चे बचे हैं, और उनकी पत्नी रीना देवी जो फिलहाल गांव के कोने में कच्ची झोपड़ी में अकेले सहमी सी रह रही हैं, चतुरी घर नहीं लौटे हैं.

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रीना देवी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि कुछ लोग आए और कहा कि मुकदमा वापस ले लेंगे. रीना ने कहा कि जीवन पहले ही मुश्किल है, कच्चा झोपड़ा है जिसमें सुविधाएं नहीं हैं, पानी की भी किल्लत है. अब दो बच्चों की मौत ने उनका सब कुछ छीन लिया है.

चतुरी सैनी की तरह राजेश सहनी का भी नाम भी मुकदमे में दर्ज है. राजेश सैनी की 8 साल की बेटी गीता भी चमकी बुखार से बच ना सकी. आजतक की टीम जब राजेश सहनी के घर पहुंची तो वह अपने घर पर नहीं मिले. उनकी पत्नी और मां ने कैमरे के सामने सारा किस्सा बयां किया. राजेश सैनी की मां ने कहा कि मेरा बेटा उस दिन हाईवे पर जाम लगाने गया था क्योंकि नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर जाने वाले थे और सबको लगा कि जब वह आएंगे तो इसी रास्ते पर उनसे अपनी तकलीफ कहेंगे.

इसी गांव के रहने वाले अवधेश भी 18 जून को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल थे, लेकिन अवधेश सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं है. अवधेश ने आज तक से खास बातचीत में राजमार्ग बंद किए जाने के पीछे की पूरी कहानी बताते हुए कहा, इस गांव में चमकी बुखार और पानी की कमी सबसे बड़ी समस्या है. जिसको लेकर लगातार प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाते रहे लेकिन जब किसी ने नहीं सुनी तो हमने 18 जून को राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने का फैसला किया. उस दिन प्रशासन ने हमें आश्वासन देकर हाईवे खुलवा लिया लेकिन अब बाद में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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अवधेश का कहना है कि बिहार पुलिस ने गांव के विकलांग शख्स के ऊपर भी मुकदमा दर्ज किया है, जो अपने पैरों से चल फिर भी नहीं सकता हाईवे पर जाकर प्रदर्शन करना तो दूर की बात है. बता दें कि वैशाली जिले का हरबंशपुर वही गांव है, जहां हाल ही में इलाके के सांसद और विधायकों को ग्रामीणों का गुस्सा झेलना पड़ा था.

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