बिहार में बाढ़ का प्रहार और तेज हो गया है. गोपालगंज, मोतिहारी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. लोग जान बचाने के लिए घर का सामान और मवेशी छोड़ नेशनल हाईवे और दूसरे ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ले रहे हैं. नदियां रौद्ररूप दिखा रही हैं. गांव के गांव पानी में समाते जा रहे हैं. मोतिहारी में गंडक नदी सड़क के ऊपर से बह रही है.
बिहार के 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं और करीब 10 लाख आबादी पर बाढ़ ने असर डाला है. रविवार को बिहार में बाढ़ के हालात अधिक गंभीर हो गए तथा बाढ़ के कारण 5 और लोगों की मौत हो गई. असम और बिहार में बाढ़ से करीब 40 लाख लोग प्रभावित हैं.
बिहार के 11 जिलों की 14,95,132 लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 13,6,464 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी, बूढी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
हेलीकॉप्टर से गिराए गए खाने के पैकेट
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज और समस्तीपुर-दरभंगा सेक्शन की कई रेलगाड़ियों का मार्ग बदलना पड़ा. बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है. वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा रविवार को भी बाढ़ प्रभावित जिलों में खाने के पैकेट गिराए गए..
25 टीमों की तैनाती
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज और समस्तीपुर-दरभंगा सेक्शन की कई रेलगाड़ियों का मार्ग बदलना पड़ा. बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है.
समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड में बागमती नदी का कहर ऐसा टूटा है कि कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट चुका है. लोगों ने एक ऊंचे स्कूल की इमारत पर ठिकाना बनाया है. लेकिन स्कूल के आसपास भी बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे वहां ठहरे लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया है. यहां कई गांव पानी में डूब गए हैं.
गोपालगंज में घर छोड़कर भाग रहे लोग
गोपालगंज में सारण तटबंध टूट जाने की वजह से बरौली प्रखंड के कई गांवों में 7 से 8 फीट पानी भर गया है. यहां घर में रखा सामान भी छोड़कर भागना पड़ रहा है. क्योंकि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है. रविवार को यहां एनडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची तो आजतक की टीम ने बाढ़ में फंसी बुजुर्ग महिला को बचाया.
मुजफ्फरपुर जिले में सड़क पर डेरा
मुजफ्फरपुर जिले में गंडक नदी ने भारी तबाही मचाई है. यहां मिठनपुरा और माधवपुर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां के दर्जनों गावों में कमर तक पानी भर चुका है. घर-बार, खेत खलिहान सबको बाढ़ लील चुकी है. सैकड़ों लोग नाव से NH-57 की तरफ जा रहे हैं जो कि ऊंचाई वाला इलाका है.
मोतिहारी में नाव पर बेटी को जन्म
मोतिहारी में बाढ़ से तबाही का सिलसिला जारी है. यहां एक महिला ने एनडीआरएफ की नाव पर ही नवजाती बेटी को जन्म दिया. उन्हें प्रसव पीड़ा की सूचना पर एनडीआरएफ टीम लेने पहुंची थी लेकिन गंडक के कहर के चलते पहुंचने में वक्त लगा और फिर अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची का जन्म हो गया. गनीमत है कि अब अस्पताल में दोनों स्वस्थ हैं.
असम में 24.58 लाख लोग चपेट में
इधर, असम में भी बाढ़ में बड़ी तबाही मचाई है. असम के बारपेटा जिले में रविवार को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. करीब 2600 लोगों को बाढ़ से बचाया गया. पूरे असम में 2409 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. करीब-करीब 24.58 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है.
अब तक 120 लोगों की मौत हुई है. इसमें 97 लोग बाढ़ से मारे गए हैं जबकि 23 लोगों की मौत लैंडस्लाइड की वजह से हुई है. राज्य में 564 रिलीफ कैंप में 50 हजार के करीब लोगों को रखा गया है. असम का गोलापारा जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
CM योगी ने किया हवाई सर्वेक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र में नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण जलमग्न क्षेत्रों की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया. योगी ने बढ़ते जलस्तर के निरीक्षण के बाद अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी बांध सुरक्षित रहें, इसके लिए तटबंधों की निरन्तर निगरानी की जाए. उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.