बिहार में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. 12 जिलों के लगभग 26 लाख लोग प्रभावित हैं और अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही लाखों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं. सीतामढ़ी जिले के 16 ब्लॉक के करीब साढ़े बारह लाख लोग भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. सड़कों को लहरें निगल गई हैं और गांवों में पानी का कब्जा है. सरकारी मदद बाढ़ पीड़ितों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. लोगों की शिकायत है कि उनतक मदद नहीं पहुंचती और पहुंचती भी है तो काफी देर से.
शिवहर जिले के तरियानी थाना क्षेत्र में मंगलवार को बाढ़ के पानी में नहाने के दौरान एक साथ पांच बच्चियां डूब गईं. उन सभी की मौत हो गई. पुलिस ने पांचों के शव बरामद कर लिए हैं. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पचरा गोटा गांव में खेतों में भरे बाढ़ के पानी में कुछ लड़कियां दोपहर में स्नान करने गई थीं. इसी दौरान वे सभी एक गड्ढे में जमा गहरे पानी में चली गईं. काफी देर बाद जब परिजनों ने बच्चियों की खोज शुरू की तो पता चला कि वे खेत में लगे पानी में नहाने गई थीं. इसके बाद स्थानीय गोताखोरों ने खोजबीन कर सभी शवों को गहरे पानी से निकाला. तरियानी के थाना प्रभारी रामाशीष कामत ने बताया कि सभी बच्चियां पचरा गोट गांव की रहने वाली थीं. मृत बच्चियों के नाम हैं जिन्नी कुमारी, जूली कुमारी, रौशनी रानी, खुशी कुमारी और निशा कुमारी. इनकी उम्र 9 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है. इस घटना के बाद गांव में मातम पसरा है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है. नेपाल के तराई इलाके और उत्तर बिहार में बारिश के कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ का संकट और गहरा गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 12 जिलों के 78 प्रखंडों के 555 पंचायतों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे 25 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है. इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 25 लोगों की मौत हो गई है जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है, जबकि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर में भी वृद्धि दर्ज की गई है.