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बिहार: विद्युत शवदाह गृह में घुसा गंगा का पानी, बाढ़ से 12 जिले प्रभावित

विद्युत शवदाह गृह के जलमग्न होने के साथ ही लकड़ी से अंतिम संस्कार करने के लिए पास में जो चार प्लेटफार्म बनाए गए हैं वहां भी गंगा का पानी घुस चुका है. अंतिम संस्कार के लिए मृतक के शरीर को परिजनों के द्वारा कंधे पर उठाकर पानी में चल कर उन प्लेटफार्म तक पहुंचना पड़ रहा है.

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विद्युत शवदाह गृह में घुसा गंगा का पानी
विद्युत शवदाह गृह में घुसा गंगा का पानी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में गंगा बनी आफत
  • बाढ़ से प्रभावित कई जिले

बिहार में गंगा बनी आफत

विद्युत शवदाह गृह के जलमग्न होने के साथ ही लकड़ी से अंतिम संस्कार करने के लिए पास में जो चार प्लेटफार्म बनाए गए हैं वहां भी गंगा का पानी घुस चुका है. अंतिम संस्कार के लिए मृतक के शरीर को परिजनों के द्वारा कंधे पर उठाकर पानी में चल कर उन प्लेटफार्म तक पहुंचना पड़ रहा है. ऐसे में अंतिम संस्कार जैसी प्रक्रिया भी खतरे से खाली नहीं है.

गुलबी घाट पर काम करने वाले कृष्ण कुमार का कहना है “पिछले 1 सप्ताह से गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है जिसकी वजह से पानी अब गुलबी घाट में घुस गया है. गुलबी घाट में गंगा का पानी घुसने की वजह से विद्युत शवदाह गृह जलमग्न हो गया है और वहां पर लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. बाकी जिनको लकड़ी पर अंतिम संस्कार करना है उन्हें मृतक के शरीर को पानी में चलकर प्लेटफार्म तक ले जाना पड़ रहा है”.

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बाढ़ से प्रभावित कई जिले

बता दें कि बिहार में एक दर्जन जिले ऐसे हैं जहां से गंगा गुजरती है. लेकिन इस समय क्योंकि गंगा खतरे के निशाने से ऊपर बह रही है, ऐसे में वो तमाम गांव भी बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के दियारा इलाके जैसे तमाम गांव जलमग्न हो चुके हैं और हजारों की आबादी प्रभावित है.



पटना में भी गंगा का पानी खतरे के निशान से 1.29 मीटर ऊपर बह रहा है. जिन जिलों से गंगा गुजरती है वहां के प्रशासन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलर्ट करने के लिए निर्देशित किया है और बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के लिए कहा है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति सुधर सकती है.

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