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बिहार में बाढ़ का खतरा टला, पर लोगों में डर बरकरार

बिहार के नौ जिलों में कोसी नदी में बाढ़ का खतरा टल जाने के बाद शिविरों में रह रहे लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन उनके मन में अब भी भय बना हुआ है.

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बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए
बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए

बिहार के नौ जिलों में कोसी नदी में बाढ़ का खतरा टल जाने के बाद शिविरों में रह रहे लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन उनके मन में अब भी भय बना हुआ है. हालांकि राहत की बात है कि कोसी के जलस्तर में लगातार कमी हो रही है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बाढ़ की आशंका के कारण कोसी तटबंध पर बसे गांवों को खाली कराकर शिविरों में रखे गए लोगों को घर वापसी की अनुमति दे दी गई है. इधर, कोसी नदी में जलस्तर भी लगातार कम हो रहा है.

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पटना बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, नेपाल के बराह क्षेत्र और कोसी पर बने वीरपुर बैराज में कोसी के जलस्तर में कमी आ रही है.

बाढ़ नियंत्रण कक्ष में सहायक अभियंता नियुक्त अमित कुमार ने बुधवार को बताया कि वीरपुर बैराज पर सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.44 लाख क्यूसेक था जो सुबह आठ बजे घटकर 1.41 लाख क्यूसेक और 10 बजे 1.40 लाख क्यूसेक हो गया.

नेपाल के बराह क्षेत्र में भी कोसी के जलस्तर में कमी देखी जा रही है. सुबह आठ बजे यहां कोसी का जलस्तर 1.01 लाख क्यूसेक था, जो 10 बजे घटकर 99 हजार क्यूसेक हो गया.

इधर, प्रशासन के निर्देश के बाद शिविरों में रह रहे लोग घर वापस लौटने लगे हैं, लेकिन उनके मन में अब भी यह भय बना हुआ है कि नेपाल के क्षेत्र में जमा पानी बाहर न आ जाए.

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अपदा प्रबंधन विभाग का भी कहना है कि नेपाल में भूस्खलन स्थल पर जब तक पानी जमा है, तब तक बाढ़ का खतरा टला नहीं है.

उल्लेखनीय है कि शनिवार को नेपाल के सिंधुपाल में हुए भूस्खलन से कोसी की धारा में पैदा हुए अवरोध के बाद बिहार के नौ जिलों पर भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा था, जिसे देखते हुए बाढ़ की आशंका वाले बिहार के क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया गया था. नेपाल की सेना अवरोधक में सुराग बनाकर पानी निकालने का प्रयास कर रही है.

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