बिहार के कई जिलों मे बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. विधायकों का आरोप है कि राज्य बाढ़ की चपेट में है लेकिन नीतीश और मोदी सरकार सो रही है. प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य में लापरवाही बरती जा रही है.
राज्य के 77 प्रखंडों की 546 पंचायतों के 25 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से अब तक 24 लोगों की मौत हो गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरे दिन बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को अररिया जिले के फारबिसगंज, सिकटी, पलासी, जोकीहाट, किशनगंज जिले के ठाकुरगंज, कोचाधामन, टेढ़ागाछ और कटिहार जिले के बलरामपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का विस्तृत हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद पूर्णिया के चूनापुर हवाईअड्डे पर पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज जिले के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़, राहत और बचाव राहत कार्य के बारे में विस्तृत समीक्षा की.
नेपाल से आने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ता देखा जा रहा है. बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि बागमती ढेंग, सोनाखान, डूबाधार, कनसार और बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं कमला बलान नदी जयनगर व झंझारपुर में महानंदा ढेंगराघाट और झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.