बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य में बाढ़ से 13 जिलों में 88 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने यह जानकारी दी. बाढ़ से अब तक 127 लोगों की मौतें हुई हैं. मोतिहारी जिले में बूढ़ी गंडक में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसके बाद कई इलाकों में प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी है.
उत्तरी हिस्से के 13 जिलों में बाढ़ का कहर अब भी जारी है. नदियों के जलस्तर में सोमवार को कमी आई है, जिससे कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरा है लेकिन कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. इस बीच, समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से इस रेलखंड पर दूसरे दिन सोमवार को भी रेलगाड़ियों का परिचालन ठप है. राज्य में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जल संसाधान विभाग के मुताबिक, कई क्षेत्रों में प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है लेकिन अभी भी नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया, "बागमती नदी कटौंझा, हायाघाट और बेनीबाद में खतरे के स्थान से ऊपर बह रही है. जबकि बूढ़ी गंडक रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा कमला बलान झंझारपुर पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है. अधवारा समूह की नदियां और खिरोई नदी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है."
इस बीच, पूर्व-मध्य रेलवे के हायाघाट रेलवे स्टेशन के नजदीक बागमती नदी पर बने रेल पुल पर बाढ़ के पानी के दबाव के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर दूसरे दिन भी रेलगाड़ियों की आवाजाही ठप है. इस बीच कई इलाकों में राहत शिविर बंद कर दिए जाने से लोग काफी परेशान हैं. बाढ़ प्रभावित दरभंगा के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम ने बताया कि कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी उतरा है लेकिन कई नए इलाकों में बाढ़ के पानी का फैलाव भी हुआ है. उन्होंने कहा कि जिले के 17 प्रखंडों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है और बाढ़ पीड़ितों के लिए 527 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं.