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बिहारः चमकी बुखार से जिस गांव में गई थी सबसे ज्यादा बच्चों की जान, वह बाढ़ में डूबा 

बाया नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और बाढ़ का पानी कई इलाकों में घर कर चुका है. हरिवंशपुर गांव के सभी कच्चे पक्के मकान में पानी घुस चुका है और लोग इसी में जैसे-तैसे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं.

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बाया नदी में बाढ़ से डूबा हरिवंशपुर गांव
बाया नदी में बाढ़ से डूबा हरिवंशपुर गांव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाया नदी में उफान से जलमग्न हुआ हरिवंशपुर गांव
  • लोगों को हो रही खाने-पीने की दिक्कत, इंतजाम नहीं

बिहार के वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड का गांव हरिवंशपुर दो साल पहले अचानक सुर्खियों में आ गया था. सुर्खियों में ये गांव दुखद वजह से आया था. तब चमकी बुखार के कारण इस गांव से सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. ऐसा लगता है मानो बदकिस्मती इस गांव का मुकद्दर बन गई है. अब दो साल बाद फिर यह गांव एक आपदा से जूझ रहा है. इसबार आपदा है बाढ़ की.

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हरिवंशपुर गांव की निवासी एक महिला सीता देवी ने कहा कि दो साल पहले चमकी बुखार के कारण गांव के कई बच्चों की मौत हो गई थी. अब गांव में चारों तरफ पानी भरा हुआ है. एक अन्य महिला सुनीता देवी ने कहा कि चमकी बुखार के कारण बहुत से बच्चों की मौत हुई थी. हमलोग भय के साये में किसी तरीके से अपने बच्चों के साथ गुजारा कर रहे हैं.

दरअसल, बिहार के तकरीबन 16 जिले इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं जिनमें वैशाली भी शामिल है. वैशाली जिले में गंडक समेत छोटी-बड़ी सभी नदियां उफान पर हैं. जिले के कई इलाके पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ के कारण भगवानपुर प्रखंड के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं जिनमें हरिवंशपुर गांव भी शामिल है. बाढ़ के दौरान चमकी बुखार को लेकर सुर्खियों में आए इस गांव की जमीनी हकीकत जानने के लिए आजतक की टीम गुरुवार को हरिवंशपुर पहुंची तो पाया कि पूरा का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से इलाके की हालत और ज्यादा खराब हो गई है. बाया नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है और बाढ़ का पानी कई इलाकों में घर कर चुका है. हरिवंशपुर गांव के सभी कच्चे-पक्के मकानों में पानी घुस चुका है और लोग इसी में जैसे-तैसे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं. हरिवंशपुर निवासी अर्जुन ठाकुर ने कहा कि 15-20 दिन से गांव की हालत ऐसी ही है. इलाके में पानी भर गया है जिसके कारण खाने-पीने की भी दिक्कत हो गई है.

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम सरकार की ओर से कराया गया था लेकिन 10 दिन के अंदर ही वह भी बंद हो गया. दरअसल, बाढ़ ग्रस्त हरिवंशपुर गांव के लोगों के लिए जिला प्रशासन ने पास के स्कूल में राहत शिविर की शुरुआत की थी जहां बाढ़ पीड़ितों को खाना खिलाने की व्यवस्था की थी लेकिन बाया नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का पानी स्कूल में भी घुस गया. ऐसे में प्रशासन को ये राहत शिविर बंद करना पड़ा.

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