पिछले दस दिनों से हो रही बारिश ने बिहार का हाल बेहाल कर दिया है. नेपाल में भारी बारिश के बाद पानी छोड़े जाने से कोसी क्षेत्र में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. सूबे के दर्जनभर से ज्यादा जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. लोगों का घर-द्वार सब बाढ़ में डूब चुका है. दरभंगा और मधुबनी में तो हालात बहुत ही खराब हैं. इसके अलावा शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, अररिया, किशनगंज, सुपौल और मुजफ्फरपुर भी बाढ़ की चपेट में हैं.
बिहार के साथ नेपाल में हो रही बारिश के कारण राज्य में बाढ़ का पानी नए इलाकों में बढ़ने लगा है. राज्य की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिससे राज्य की प्रमुख नदियां रविवार को कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, राज्य के छह जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जहां राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. राज्य में प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है, जिससे नए क्षेत्रों में बाढ़ के पानी के घुसने की आशंका है.
बिहार के साथ नेपाल में भी हुई बारिश के कारण नेपाल से आने वाली नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने रविवार को बताया कि लखनदेई नदी मुजफ्फरपुर के गायघाट, बागमती मुजफ्फरपुर के औराई, कमला बलान और अधवाड़ा नदी दरभंगा में खतरे के निशाना से ऊपर बह रही है.
इसके अलावा बागमती नदी हायाघाट, बेनीबाद, डुबाधार, सोनाखान और ढेंग में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि कमला बलान जयनगर और झंझारपुर में, महानंदा ढंगराघाट और झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. राहत की बात है कि कोसी के जलस्तर में मामूली कमी आई है. कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास रविवार सुबह छह बजे 2.90 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 2.64 लाख क्यूसेक हो गया.
गंडक नदी का जलस्तर वाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह आठ बजे 90 हजार क्यूसेक था. सीतामढ़ी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. बाढ़ ने रीगा में सरकारी कार्यालयों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. दरभंगा जिले में 15 पंचायतों के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. शिवहर में भी बाढ़ से हालात खराब हो रहे हैं और कई शहरी इलाकों में भी पानी घुस चुका है. अररिया और किशनगंज में भी बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में फैल रहा है.
पूर्वी चंपारण में भी कई गांवों के लोग ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं. इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं. कई स्थानों पर सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है.