बिहार में आज नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की सरकार का फ्लोर टेस्ट हुआ, इसमें महागठबंधन सरकार ने भारी बहुमत से विश्वास मत प्राप्त किया. फ्लोर टेस्ट के दौरान सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला.
फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी नेता और विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले मंगलवार तक वह इस्तीफा नहीं देने पर अड़े थे, जिसका जेडीयू ने विरोध किया था. अब बिहार के डिप्टी स्पीकर ने फ्लोर टेस्ट करवाया.
बिहार में नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है. बहुमत होने के बावजूद सत्ता पक्ष ने मतदान करने की मांग की थी. जबकि बीजेपी का कहना था कि जब ध्वनिमत से विश्वास का प्रस्ताव पास हो गया है तो वोटिंग की क्या जरूरत है. लेकिन वोटिंग हुई और बीजेपी ने वोटिंग का बहिष्कार किया.
नीतीश ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि यह अपने फायदे के लिए हिंदू-मुसलमान कराते हैं. नीतीश ने बीजेपी से सवाल किया कि आजादी के लड़ाई के दौरान आप कहां थे. नीतीश ने आगे कहा कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद सभी विपक्षी दलों ने उनको फोन किया था और कहा था कि मैंने ठीक किया. नीतीश ने कहा कि हमने विपक्षी नेताओं से कहा कि 2024 में मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में बीजेपी पर निशाना साधा. नीतीश ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने बीजेपी से कहा था कि ज्यादा सीट आप जीते हैं आप किसी को सीएम बनाएं. लेकिन बीजेपी ने कहा कि नहीं आप ही बन जाइए. नीतीश बोले कि मेरे ऊपर पूरा दबाव दिया गया. तब मैं तैयार हुआ.
फ्लोर टेस्ट के दौरान नीतीश ने कहा कि आजकल सिर्फ दिल्ली (केंद्र सरकार) का प्रचार होता है. वह अपने संबोधन के बीच में बार-बार बोले कि वह वहां मौजूद बीजेपी विधायकों से कुछ नहीं कर रहे हैं. सारी शिकायतें केंद्र से हैं. नीतीश ने कहा कि उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने की मांग रखी थी, लेकिन उसको नहीं माना गया. नीतीश ने कहा कि बिहार में केंद्र सरकार की वजह से सड़कें नहीं बनी हैं. बल्कि बिहार में 8 साल पहले से भी सड़कें थीं.
बीच में विरोध कर रहे बीजेपी विधायकों पर नीतीश ने तंज कसा. वह बोले कि जब अनाप-शनाप बोलोगे तब ही आगे केंद्र में जगह मिलेगी. तब मुझे भी अच्छा लगेगा. इसके बाद फ्लोर टेस्ट के बीच बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर लिया. इसपर नीतीश ने कहा कि इस तरह भागने का आदेश भी केंद्र ने दिया होगा.
गुरुग्राम के मॉल में हुई छापेमारी पर भी तेजस्वी यादव ने बयान दिया. उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि गुरुग्राम के जिस मॉल पर सीबीआई ने छापेमारी की वह मेरा नहीं है. उसका उद्घाटन बीजेपी सांसद ने किया था. इसी मॉल में तेजस्वी यादव का बड़ा हिस्सा बताया जा रहा था. अब इसपर ही तेजस्वी की सफाई आई है.
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जहां भी सत्ता में नहीं होती वहां अपने तीन जमाइयों को आगे करती है. इसमें ईडी, सीबीआई और आईटी (इनकम टैक्स विभाग) शामिल है.
तेजस्वी ने आगे कहा कि जब मैं विदेश जाता हूं तो बीजेपी मेरे खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करवाती है. वहीं जब नीरव मोदी जैसे लोग भाग जाते हैं तो कुछ नहीं करती. तेजस्वी ने आगे कहा कि हम लोग क्रिकेटर हैं और यह जोड़ी (आरजेडी-जेडीयू) कभी ना खत्म होने वाली साझेदारी करेगी. यह पारी लंबी होने वाली है. डिप्टी सीएम ने कहा कि वे मिलकर बिहार और देश के विकास का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश की कही हर बात में अपनापन है.
तेजस्वी कहा कि हम बीजेपी से पूछना चाहते हैं उनके पास ऐसा कौन सा तिलिस्म है जिससे वे सत्ता में रहते हैं तो मंगलराज रहता है. वहीं सत्ता से बाहर रहते ही जंगलराज आ जाता है. तेजस्वी ने कहा कि जंगलराज कहना बिहार की आत्मा को गाली देना है.
बीजेपी की तरफ से तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि जनादेश का गला घोंट दिया गया. यह बिहार को जंगलराज की तरफ ले गया. नीतीश कुमार कभी अपने दम पर बिहार में सरकार नहीं बनाई लेकिन केंद्र में प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षी है.
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे नीतीश कुमार ने ठगा नहीं. तारकिशोर बोले कि यह बात लालू ने ही कही थी. उन्होंने सवाल उठाए कि नई सरकार कहां से नौकरी देगी? वह बोले कि नीतीश कुमार ऐसे बल्लेबाज हैं जो खुद खेलते रहते हैं और दूसरे को रन आउट कर देते हैं. खुद तो मुख्यमंत्री बने रहते है लेकिन उपमुख्यमंत्री बदलते रहते हैं.
बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो चुका है. फिलहाल JDU की तरफ से विजय कुमार चौधरी बोल रहे हैं. उन्होंने कहा-
- नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से विकास का जो वादा किया है वो किसी भी कीमत पर जरूर पूरा होगा.
- जब हम लोग फैसला के रहे थे तब भी बीजेपी जाल फैला रही थी.
- हमारी विश्वनीयता यही है कि जो लोग कल तक विपक्ष में थे वो आज हमारे साथ बैठे हैं.
- देश की जनता जिसे चाहती है वही प्रधानमंत्री बनता है.
- 2013,2017 में क्या हुआ था, आप क्यों हमारे साथ आए थे. इनको जब जब सत्ता में आना हुआ है तो नीतीश कुमार का हाथ पकड़ना पड़ा है. अकेले कभी सत्ता में नहीं आ सकते.
बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे पहले ही सरकार गठन के बाद इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन उन पर विधायकों ने अनर्गल आरोप लगा दिए. ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था. (इनपुट- सुजीत झा)
बिहार विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा, सरकार ने 9 अगस्त को इस्तीफा दिया. 10 अगस्त को नई सरकार के गठन का न्योता दिया गया. नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद स्पीकर पद का त्याग कर देता. लेकिन 9 अगस्त को मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है. इस अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन गई. आप सभी लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर के पुजारी हैं. आप जो अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, यह अस्पष्ट है. 9 लोगों का पत्र मिला, इनमें से 8 का पत्र नियमानुसार नहीं नजर आता. लेकिन मुझपर जो आरोप लगाए गए. मनमानी के, कार्यशैली को लेकर, तानाशाही करने का. ऐसे में मेरा जवाब देना जरूरी है.
बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा, नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब से सरकार बनी है, ये लोग डर गए हैं. बीजेपी को छोड़कर सभी पार्टियां हमारे साथ हैं. हमारे पास बहुमत है. सीबीआई ने हमें डराने के लिए कार्रवाई की है. लेकिन हम डरेंगे नहीं. यह पहली बार नहीं हो रहा है.
#WATCH | Patna: Ex-Bihar CM & RJD leader Rabri Devi says, "They're sacred. A new Govt has been formed under leadership of Nitish Kumar. All parties, except BJP, with us. We've the majority. CBI (raid) just to scare us. We won't be scared. This isn't happening for the first time." pic.twitter.com/wyooaooS8O
— ANI (@ANI) August 24, 2022
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बिहार में 24 ठिकानों पर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में ये कार्रवाई की है. सीबीआई ने जिन जगहों पर छापेमारी की है, उनमें RJD एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व आरजेडी एमएलसी सुबोध रॉय, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज अहमद के ठिकाने भी शामिल हैं. बिहार में RJD नेता यहां सीबीआई की छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब बुधवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. ऐसे में आरजेडी ने इसे बदले की कार्रवाई करार देते हुए केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी पर निशाना साधा है. राबड़ी देवी ने सीबीआई छापों पर कहा कि जनता सब देख रही है.
भाकपा-माले के विधायकों ने बिहार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया और स्पीकर से इस्तीफा देने की मांग की.
Patna |Opposition MLAs gather outside Bihar Assembly & demand resignation of Speaker VK Sinha
— ANI (@ANI) August 24, 2022
They say, "Conspiracy to scare us through raids won't work. It's a conspiracy to topple our Govt. Our proposal for No-Confidence Motion against Speaker should be considered & discussed" pic.twitter.com/q5tDCCEes9
बिहार में बीजेपी विधायकों ने फ्लोर टेस्ट से पहले विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम विधानसभा सत्र के लिए आए हैं. जहां तक कि रेड की बात है तो जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं. मैं इस पर कमेंट नहीं करूंगा.
Patna | BJP MLAs protest outside Bihar Assembly, ahead of Floor Test of Nitish Kumar-led govt today
— ANI (@ANI) August 24, 2022
Ex-Dy CM Tarkishore Prasad says, "We've come here for the Assembly Session...As far as raids are concerned,it's an independent agency doing its work. I won't make a comment on it" pic.twitter.com/PWyRoWYIzN
जब विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मेरे विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तब मैंने अपने ऊपर विश्वास की कमी के रूप में नहीं देखा। बल्कि आसन के प्रति अविश्वास के रूप में देखा: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, पटना, बिहार (23.08) pic.twitter.com/3RrGBCvtKU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2022
इसी बीच नीतीश कुमार की सिफारिश पर बिहार विधानसभा सचिवालय ने दो दिन के विशेष सत्र के लिए कार्यसूची में बदलाव कर दिया है. अब स्पीकर के अभिभाषण के बाद सदन में उन्हें हटाने के प्रस्ताव पर विचार होगा. इसके बाद नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट होगा. माना जा रहा है कि सिन्हा के पास दो विकल्प हैं. वे या तो अभिभाषण के बाद इस्तीफा दे देंगे या फिर अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सामना करेंगे. सिन्हा प्रस्ताव को अस्वीकार भी कर सकते थे, इससे संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है.