बिहार के गया में गैंगरेप की घटना पर अब राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. मामले को लेकर सत्तारूढ़ जेडीयू ने विपक्षी आरजेडी पर निशाना साधा है. जेडीयू ने कहा कि आरजेडी की जांच दल ने पीड़िता के साथ जो कुछ किया, उससे राजनीति शर्मसार हुई है.
जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि आरजेडी जाति देखकर न्याय दिलाती है. सामूहिक बलात्कार की शिकार मां-बेटी को न्याय दिलाने के लिए आरजेडी गया पहुंच जाती है, लेकिन जहानाबाद नहीं जाती है, जहां एक दलित लड़की को 12 लड़के नोच रहे हैं, क्योंकि वहां जाना उसे शूट नहीं करेगा. गया में जहां पुलिस अपना काम कर रही है, वहां जाकर जांच दल का ढोंग करना कहीं से भी उचित नहीं है.
ये लालू-राबडी की सरकार नहीं है, तो जाति देखकर कार्रवाई करती है. यह नीतीश कुमार की सरकार है, जो न्याय के साथ विकास का काम करती है. वहीं, मामले में प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यहां जाति देखकर जांच दल भेजने का सवाल नहीं है. ऐसी दलील देकर जेडीयू मामले में पर्दा नहीं डाल सकती है.
बिहार में जिस तरह से छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उससे चिंता होनी लाजमी है. सूबे के राज्यपाल ने भी इस पर चिंता जाहिर कर चुके हैं. गया गैंगरेप की पीड़िता को न्याय दिलाने और उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करने के लिए एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हम वहां गए थे.
वहीं, गया में एक महिला और उसकी नाबालिक बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में आरोपी बाकी लोगों की तलाश जारी है. इस बीच आरजेडी ने वहां जांच दल भेजा, लेकिन उस जांच के नेताओं के व्यवहार की वजह से पुलिस ने छह आरजेडी नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है.
उधर, एफएसएल की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कुछ साक्ष्य इकठ्ठा किए, जिसमें खून के निशान के साथ-साथ एक डायरी भी है, जिसमें कुछ मोबाइल नंबर लिखे हैं. पुलिस वैज्ञानिक तरीके से इसकी जांच कर रही है. चूंकि लूटपाट और बलात्कार करने वाले लोग नकाब में थे, इसलिए पीड़िता उन्हें पहचान नहीं पा रही हैं. अभी तीन लोगों की ही शिनाख्त हो पाई है, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके अलावा पुलिस अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है.