केंद्र सरकार की अपील के बाद बिहार सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में कटौती कर सकती है. इस बाबत केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सभी राज्य सरकार के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उनसे अपील की है कि वे अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल के ऊपर लगने वाले वैट की दरों में 5 फीसदी की कटौती करें.
केंद्र सरकार ने खुद दो दिन पहले पेट्रोल और डीजल के ऊपर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी पर दो रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया था. इसके बाद ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे पेट्रोल और डीजल के ऊपर लगने वाले वैट की दरों में कमी करें.
बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि फिलहाल उन्हें केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि उन्होंने कहा कि पत्र प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार की इस अपील पर जरूर विचार करेगी. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार अरुण जेटली का पत्र मिलने के बाद सारी स्थितियों का आकलन करेगी और फिर सही निर्णय लेगी.
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त के महीने में नीतीश कुमार सरकार ने डीजल और पेट्रोल के ऊपर लगने वाले वैट की दरों में इजाफा किया था. पिछले साल जहां डीजल के ऊपर वैट की दर 18 फीसदी से बढ़ाकर 19 फीसदी कर दिया गया था. साथ ही पेट्रोल के ऊपर लगने वाले वैट की दर को 24.5 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी कर दिया गया था.
वहीं, केंद्र सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल पर दो रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी. हाल ही के दिनों में लगातार बढ़ती पेट्रोल की कीमतों को लेकर बढ़ रहे दबाव के बाद सरकार ने यह फैसला लिया. पेट्रोल और डीजल के दामों में तेजी से इजाफा को लेकर न सिर्फ विपक्ष ने बल्कि एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा था. मामले में वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकार को 26 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना होगा.