बिहार विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने से पहले बुधवार को कृषि, सहकारिता, पशु, मत्स्य और मुर्गी पालक किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार बिजली आधारित खेती को बढ़ावा देकर उत्पादन लागत कम कर किसानों की आमदनी को दुगना करेगी. उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अगले दो साल में खेती के लिए बिजली का अलग से फीडर लगाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि रैयतों के मालिकाना हक को बरकरार रखते हुए गैर-रैयत किसानों को भी बैंक लोन और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की व्यवस्था की जाएगी. मोदी ने कहा कि राज्य के पांच जिलों में दूध के तर्ज पर सब्जी के लिए कोऑपरेटिव फेडरेशन का गठन किया जाएगा. इसके जरिए सब्जी उत्पादकों को बाजार और संरक्षा की सुविधा मिलेगी. मोदी ने बताया कि 12 विभागों को मिलाकर बने तीसरे कृषि रोड मैप में साल 2022 तक 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का बिहार सरकार का लक्ष्य है.
मोदी ने बताया कि किसानों को केंद्र व राज्य की सरकार सिर्फ तीन फीसदी की ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करा रही है और समय पर कर्ज वापस कर किसान 4% ब्याज अनुदान का लाभ भी ले सकते हैं.
मालूम हो कि बैठक में आए प्रतिनिधियों ने सुशील मोदी को कई सुझाव भी दिए, जिसमें मुख्य रूप से कृषि यंत्रों पर अनुदान बढ़ाने, ट्रैक्टर को कृषि उपकरण में शामिल करने, जलकर व तालाबों को अतिक्रमण मुक्त और उड़ाही कराने, गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता के लिए बीज प्रसंस्करण इकाई स्थापना करने, सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराने, नेपाल और बांग्लादेश में प्याज के निर्यात को बढ़ावा देना, औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने, नौजवानों को कृषि की ओर आकर्षित करने तथा कृषि, डेयरी, मछली और मुर्गा पालन के क्षेत्र में सशुल्क प्रशिक्षण देने का सुझाव शामिल है.
इस बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी ऐलान किया कि प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को मछुआरा दिवस का आयोजन किया जाएगा.