बिहार में शराबबंदी को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से सरकार ने 21 जनवरी को पूरे प्रदेश में मानव श्रृंखला बनाने का फैसला लिया है जिसमें दो करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना है. सरकार ने निर्णय लिया है कि मानव श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करने वाले पहले तीन जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा. मानव श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले चयनित जिलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार दिवस के मौके पर 22 मार्च को पुरस्कृत करेंगे. सरकार ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर पुरस्कार पाने के लिए चयन का कई आधार बनाया है जिसके आधार पर ही जिलों का चयन किया जाएगा.
राज्य सरकार ने मानव श्रृंखला में पुरस्कार पाने के लिए पैमाना तय कर लिया है और इसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को दी गयी है. मिली जानकारी के अनुसार 21 जनवरी को बनायी जाने वाली मानव श्रृंखला का आकलन मुख्य रुप से सात निर्धारित आधार पर किया जाएगा. मानव श्रृंखला के लिए माइक्रो प्लानिंग और मॉनिटरिंग, सशक्त एवं सर्वस्पर्शी वातावरण, मुख्य मार्ग पर शत-प्रतिशत मौजूदगी, जनसहयोग से किए गए महत्वपूर्ण कार्य का सरकार ने सभी मापदंडो के लिए अंक निर्धारित कर रखा है और उसी आधार पर बिहार के सभी जिलों का आकलन किया जाएगा.
सरकार ने मानव श्रंखला की सबसे अच्छी फोटोग्राफी के लिए हर जिले को 15 जनवरी तक एक-एक ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. सरकार ने मानव श्रृंखला का सैटेलाइट से फोटोग्राफी कराने का भी फैसला लिया है. जनशिक्षा के निदेशक डॉ विनोदानंद झा ने बताया कि मानव श्रृंखला को सफल और सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक एक किलोमीटर का एक सेक्टर बनाया जाएगा. हर सेक्टर में एक-एक इंचार्ज होंगे. सेक्टर इंचार्ज को पल्स पोलियो का जैकेट दिया गया है, सेक्टर में इंचार्ज की भूमिका साक्षरताकर्मी और जीविका दीदी निभाएंगी.
मिली जानकारी के अनुसार हर एक किलोमीटर में करीब 2000 लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े मानव श्रृंखला में भाग लेंगे. मानव श्रृंखला में भाग लेने वालों की सूची 20 जनवरी से पहले सभी जिलों मे तैयार कर ली जाएगी. मानव श्रृंखला के समय खुले जीप में उस रुट पर कला जत्था के सदस्य गीत गाते हुए गुजरेंगे.
विदित हो कि मध्य निषेध जागरुकता अभियान की शुऱुआत 21 जनवरी को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे जो 20 मार्च तक चलेगा. 21 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला अबतक की सबसे लंबी मानव श्रृंखला होगी.