बिहार में इन दिनों जन सुराज पदयात्रा निकाल रहे प्रशांत किशोर को 219 दिन हो गए हैं. ऐसे में वैशाली जिले में प्रशांत किशोर ने ग्रामीणों की समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही. दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 3 आम सभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायतों के 11 गांवों से गुजरते हुए 11.5 किमी की पदयात्रा तय की.
मोदी के पीएम बनने से बिहार को क्या फायदा हुआ?
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में प्रशांत किशोर ने एक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 में मोदी जी का प्रचार मैं ही कर रहा था. बिहार में घर-घर से हम लोगों ने मोदी जी को वोट दिया था. आज जो भी इस सभा में मोदी समर्थक मौजूद हैं, उनको बता दे रहे हैं कि मोदी जी 9 साल से प्रधानमंत्री हैं, उनके प्रधानमंत्री बनने से बिहार का फायदा हुआ या नहीं ये छोड़ दीजिए. मोदी के आने से बिहार में फैक्ट्री और रोजगार आए या नहीं, इस बात को भी छोड़ देते हैं. आपको खुली चुनौती दे रहे हैं कि मोदी जी 9 साल से प्रधानमंत्री हैं, 9 सालों में मोदी जी ने बिहार के विकास के लिए एक भी बैठक अगर की हो और आप में से कोई इसका प्रमाण मुझे दिखा दे तो मैं कल से ही मोदी का झंडा ढोने के लिए तैयार हूं.
'ऊपर देखकर वोट देंगे तो जमीन पर कुछ नहीं बचेगा'
प्रशांत किशोर ने कहा, मोदी जी ने बिहार के विकास के लिए एक बैठक तक नहीं की है. आपने और हमने 40 में से 39 सांसद एनडीए के जिता दिए. मोदी जी के नाम पर बिहार की जनता ने बेकार से बेकार लोगों को सांसद बना दिया और बिहार के लोग कहते हैं कि ऊपर देखकर हमने सब को जिता दिया. अगर आप ऊपर देखकर वोट देंगे तो जमीन पर कुछ नहीं बचेगा.
प्रशांत किशोर ने बिहार की हालत पर जताई चिंता
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकतंत्र में हर जनता को अपनी वोट की ताकत को समझना पड़ेगा. आज मैं राह चलते देखता हूं कि सड़क पर सफेद कुर्ता-पैजामा पहने नेता को कोई आम आदमी देखता है तो उससे कुछ काम करवाने के लिए गिड़गिड़ाना शुरू कर देता है. बिहार के लोग भूल गए हैं कि महात्मा गांधी और बाबा साहब जैसे लोगों ने राजा बनाने का अधिकार दिया है. वोट करते समय नेता को सही से पहचानते नहीं है, इसी वजह से आपको भिखारियों की तरह 5 साल तक नेताओं के पीछे भागना पड़ता है. आपने नेता को वोट दे दिया इसके बाद नेता और नेता के लड़के हेलीकॉप्टर से घूमते हुए नजर आते हैं और आपके बच्चों के पैर में चप्पल तक नहीं होता.