Bihar Hooch Tragedy: गोपालगंज में जहरीले शराब कांड (Gopalganj Hooch Tragedy) में पुलिस (Bihar Police) की लापरवाही सामने आई है. बिहार में शराबबंदी को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन पर है. लेकिन पुलिस को जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हो रही है. एक पिता को गंवाने वाले बेटे ने बिहार पुलिस की पोल खोली है.
यह उस बेटे के मन की टीस है जिसने अपने पिता को जहरीली शराब के कारण गंवा दिया. जहरीले शराब के शिकार हुए चुन्नू पांडेय के बारे में ये कहते हुए बेटा विशाल बदहवास हो जाता है, विशाल का कहना है उसके पिता शराब पीते थे, मां से लड़ते थे. इस बात से परेशान होकर उसने अपने पिता के खिलाफ सिधवलिया थाने में 2 बार FIR दर्ज करवाई थी.
पहली बार दिसंबर 2020 में और दूसरी बार जून 2021 में , उसने पुलिस को अपनी एफआईआर में ये भी कहा कि जब बिहार में शराबबंदी है तो फिर उसके पिता को कहां से शराब मिल रही है?
उसकी उस शिकायत पर उसे कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला और सिधवलिया थाने के थानेदार ने उसे ही डांट कर भाग दिया. ज्यादा बात करने पर पिता को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन ये पता नही लगाया कि शराब कहां बनाई जा रही है और कहां बिक रही है? विशाल का कहना है कि उसका मकसद पिता को जेल भिजवाना नहीं था बल्कि पुलिस से उसे उम्मीद थी कि वह शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी. विशाल ने कहा, पुलिस अगर शराब माफियाओं पर कार्रवाई करती तो आज मेरे पिता ज़िंदा होते.
कई लोगों ने शराब के कारण अपनी जान
45 वर्षीय चुन्नू पांडेय की शराब पीने की लत के कारण मौत हो गई. 2 नवंबर को धनतेरस मनाई जा रही थी, वह 5 किलोमीटर दूर मोहम्मदपुर से शराब पीकर घर आये थे. जैसे ही वह घर पहुंचे, उनकी आंखों की रोशनी चली गई. उसी रात उनकी मौत हो गई.
वहीं 40 वर्षीय राजकुमार मिश्रा की मौत शनिवार को हो गई. राजकुमार टेम्पो चलाते थे, उसके बेटे का कहना था कि उसके पिता रोज शराब पीते थे, मना करने पर भी नही मानते थे. राजकुमार की 3 बेटियां और एक बेटा है. 2 बेटियों की अभी शादी करनी है. बेटी कुसुम से पूछने पर वह फफक पड़ी, बोली- अगर शराब नही मिलती तो आज मेरे पिता ज़िंदा होते, पत्नी मीणा देवी का भी रो रोकर बुरा हाल है. परिवार के सामने सबसे बड़ी मुसीबत है आखिर उनका खर्चा कैसा चलेगा? क्योंकि वह आय का एकमात्र सहारा थे.
मोहम्मदपुर जहरीली शराब कांड में 20 से ज्यादा की मौत
मोहम्मदपुर में जहरीली शराब कांड में 20 से ज्यादा लोगो की मौत हुई है लेकिन पोस्टमार्टम केवल 13 का हुआ इसलिए सरकारी आंकड़ा 13 ही है. जहरीली शराब में मरने वाले लोगो के परिजन बताते है कि मोहम्मदपुर के वार्ड नम्बर 4 के हरिजन टोली में खुलेआम शराब बिकती है और घटना वाले दिन भी अधिकतर मृतकों ने वही शराब पी थी.
पुलिस को भी इसकी पूरी जानकारी थी, लेकिन केवल दिखावे के लिये ही कार्रवाई हुई. पुलिस ने 2 घरों को सील कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लोग बताते है कि एक आरोपी का घर कुछ महीने पहले तक इंदिरा आवास से बना तक लेकिन अब उस पर एक अच्छी बिल्डिंग बन गई है. ये शराब से अवैध कमाई का ही नतीजा है. मोहम्मदपुर में मातम छाया हुआ है इस साल लोगो ने न तो दीवाली मनाई और ना ही अब छठ पूजा होगी.