मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को नालंदा विश्वविद्यालय और विदेश मंत्रालय द्वारा राजगीर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन में शामिल हुए. इस कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे.
जिस दौरान नीतीश कुमार राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे, ठीक उसी वक्त पटना में बैठे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश पर ट्विटर के जरिए हमले पर हमले कर रहे थे.
ट्विटर के जरिए तेजस्वी ने नीतीश कुमार से कहा कि मुख्यमंत्री नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल तो होते हैं, मगर वहां के छात्रों की परेशानियों को सुनते नहीं है. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश को इन छात्रों के लिए कुछ वक्त निकालना चाहिए और इनकी समस्या का समाधान करना चाहिए.
इधर तेजस्वी ने नीतीश पर ट्विटर के जरिए निशाना साधा, तो दूसरी तरफ से जेडीयू ने भी जवाबी हमला बोल दिया. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने सवाल पूछा कि आखिर तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री रहते हुए कितनी बार नालंदा विश्वविद्यालय गए थे और वहां के छात्रों से मुलाकात की थी? संजय सिंह ने कहा कि शायद तेजस्वी यादव नालंदा विश्वविद्यालय इसलिए कभी नहीं गए, क्योंकि वह डरते थे कि वहां के स्कॉलर छात्रों से कैसे बात करेंगे?Bihar CM attends Nalanda University programs but never listens to University’s students problem. He must spare sometime to meet them & address their issues.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 11, 2018
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही प्रयासों से नालंदा विश्वविद्यालय का जीर्णोद्धार हुआ है और उसका गौरव वापस लौटा है. संजय सिंह ने तेजस्वी यादव की शिक्षा पर भी तंज कर दिया और कहा कि काश तेजस्वी यादव के पास भी किसी विश्वविद्यालय का अनुभव होता तो आज वह इस तरीके की बचकानी बातें नहीं करते. इससे पहले भी जेडीयू ने तेजस्वी यादव के कम पढ़े-लिखे होने पर तंज कसा है.
चारा घोटाले के मामले में जेल में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की गैरहाजिरी में आरजेडी में टूट हो सकने को लेकर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि आरजेडी के वरिष्ठ नेता जैसे शिवानंद तिवारी, जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, रघुवंश प्रसाद सिंह और रामचंद्र पूर्वे क्या तेजस्वी यादव को अपना नेता मानेंगे, जिन्होंने दसवीं भी नहीं पास की है?