बिहार की जीतन राम मांझी सरकार के रिमोट कंट्रोल के जरिए कार्य करने के बीजेपी के आरोप को खारिज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नई सरकार पूरी जिम्मेदारी और स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी, रिमोट कंट्रोल से नहीं.
राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह की समाप्ति के बाद नीतीश ने बीजेपी के मांझी सरकार के रिमोट कंट्रोल के जरिए कार्य करने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि नई सरकार पूरी जिम्मेदारी और स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी, रिमोट कंट्रोल से नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार अपने विवेक से चलेगी. मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्री सोच..समझकर कार्य करेंगे और निर्णय लेंगे. नई सरकार बहुत जल्द विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लेगी. मेरी शुभकामना नई सरकार के साथ हैं.
नीतीश ने अपनी जिम्मेदारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी भूमिका सरकार एवं पार्टी के बीच समन्वय की रहेगी. सरकार को कोई बेवजह परेशान करेगा तो उसकी काट के लिए हम खडे़ रहेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव के पूर्व से ही कह रही थी कि पचास से अधिक जदयू विधायक उनके संपर्क में हैं. यदि जदयू विधायक उनके संपर्क में थे तो बीजेपी ने जोड़-तोड़ कर सरकार क्यों नहीं बना ली. v नीतीश ने कहा कि इससे यह बात साबित हो गई है कि बीजेपी झूठ और पाखंड पर आधारित राजनीति करती है. झूठ और अफवाह फैलाने में माहिर है. उनके पास कुछ नहीं है, इसलिए अनाप-शनाप बोल रहे हैं.
विशेष सत्र 23 मई को पटना
बिहार में जीतन राम मांझी की नई सरकार ने विश्वासमत हासिल करने के लिए आगामी 23 मई को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय किया है.
नवनियुक्त मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में आज संपन्न बिहार राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने विश्वास मत हासिल करने के लिए आगामी 23 मई को बिहार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी.
मांझी सरकार को विश्वास मत हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि उसे वर्तमान में 237 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सदन अध्यक्ष सहित जदयू के 117 विधायकों के अलावा कांग्रेस के चार, भाकपा का एक और दो निर्दलीय विधायकों सहित कुल 124 विधायकों का समर्थन हासिल है.
पिछले वर्ष 16 जून को जदयू के बीजेपी से नाता तोड़ लिए जाने पर 19 जून को बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास मत हासिल करने के समय कांग्रेस विधायकों ने जदयू सरकार का समर्थन किया था और उसके इन सभी चार
विधायकों ने आज फिर राज्यपाल डीवाई पाटिल को मांझी सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का पत्र सौंप दिया.
जो नीतीश के पास वो मांझी के पास भी रहेंगे विभाग
237 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बीजेपी के 88 विधायक और राजद के 21 विधायक हैं. इस बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास मौजूद सभी विभागों को अपने पास रखने के साथ नीतीश सरकार में मंत्री रहते हुए अपने पास रहे अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग को भी अपने पास रखा है.
गोस्वामी को श्रम, बिहारी को कला विभाग
इसके अलावा आज शपथ लेने वाले उन मंत्रियों के विभागों में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया था, जो नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल थे. दो निर्दलीय विधायकों दुलालचंद गोस्वामी और विनय बिहारी को क्रमश: श्रम विभाग और कला, संस्कृति एवं युवा मामलों का विभाग सौंपा गया है.