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बिहार: क्लाइमेट पर काम के लिए CM नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार देने की उठी मांग

बिहार विधान परिषद में पर्यावरण पर हो रही बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार देने की मांग जेडीयू के एमएलसी ने की. जल जीवन और हरियाली पर चर्चा में अपनी बात रखते हुए जेडीयू के एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि क्लाइमेट के लिए नीतीश कुमार बिहार में जो काम कर रहे हैं, ऐसा किसी स्टेट ने नहीं किया.

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नीतीश कुमार (Photo- Aajtak)
नीतीश कुमार (Photo- Aajtak)

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  • बिहार विधान परिषद में उठी नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार देने की मांग

  • MLC खालिद बोले- क्लामेट को लेकर बिहार जैसा किसी स्टेट में नहीं हुआ काम

बिहार विधान परिषद में पर्यावरण पर हो रही बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार देने की मांग जेडीयू के एमएलसी ने की. जल जीवन और हरियाली पर चर्चा में अपनी बात रखते हुए जेडीयू के एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि क्लाइमेट के लिए नीतीश कुमार बिहार में जो काम कर रहे हैं, ऐसा किसी स्टेट ने नहीं किया.

एमएलसी खालिद अनवर ने कहा कि बिल गेट्स ने भी नीतीश कुमार के जलवायु परिवर्तन को लेकर कर रहे कामों की सराहना की. जेडीयू के एमएलसी दिलीप चौधरी ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को नोबेल पुरस्कार मिले, इसके लिए सदन में प्रस्ताव पास होना चाहिए.

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खालिद अनवर ने कहा कि क्लाइमेट से आज सारी दुनिया परेशान है. क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से 2007 में नोबेल प्राइज दिया गया था. अमेरिका के जो वाइस प्रेसिडेंट अल्बर्ट गोरे जूनियर थे उन्हें नोबेल प्राइज इसलिए दिया गया था, क्योंकि उन्होंने क्लाइमेट पर काम किया था. नीतीश कुमार ने पहली बार ऐसा काम किया जो हिंदुस्तान के किसी स्टेट ने नहीं किया.

खालिद ने कहा कि हाल ही में पटना आए बिल गेट्स ने दिल्ली में जाकर स्टेटमेंट दिया. उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार से मिलने गया, मुझे नहीं लगा कि मैं पटना में हूं. मुझे लगा कि मैं तो लंदन में या पेरिस में या वाशिंगटन डीसी में हूं, क्लाइमेट चेंज की बातें इन्हीं जगह पर होती है, पटना जैसे शहर में ये बात होगी मुझे यकीन नहीं हो रहा है.

जेडीयू के नेता नरेंद्र सिंह ने तो नीतीश कुमार के लिए भारत रत्न की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार किसी काम के लिए किसी को भी मिल सकता है, लेकिन उससे बड़ी उपाधि भारत रत्न उन्हें मिलना चाहिए.

आरजेडी का हमला

हालांकि, आरजेडी को ये बातें बिल्कुल अच्छा नहीं लगी. आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, 'जेडीयू पार्टी को अधिकार है कि वे अपने नेता के लिए भारत रत्न मांगे या नोबेल पुरस्कार मांगे. राज्य में एनडीए की सरकार है, देश में भी एनडीए की सरकार है, अब किसको कौन रोकेगा, जिसको देना है दे दीजिए. इस राज्य में शिक्षा चौपट, पटना में जलजमाव यह सब चीजें नोबेल पुरस्कार में निहित है.'

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गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर नीतीश कुमार शुरू से काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने 2012 में अपने पार्टी में यह नियम बनाया था कि जो भी जेडीयू ज्वॉइन करेगा उसे पेड़ लगाना होगा. झारखंड से अलग होने के बाद बिहार में वनक्षेत्र काफी कम हो गए थे उसे पूरे भूभाग के 17 फीसदी तक लाना था. सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त कर चुकी है. दुनिया में जहां ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चर्चा हो रही है. वहीं बिहार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है और इसी उद्धेश्य से नीतीश कुमार ने विधानसभा और विधान परिषद पर इस विषय पर चर्चा भी कराई. अब 3 दिसबंर से वो जल जीवन हरियाली यात्रा शुरू कर रहे हैं, वो उन सभी जिलों में जाएंगे जहां पर्यावरण को लेकर काम चल रहा है.

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