जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. इस मुलाकात में प्रशांत किशोर ने अपने इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि उनके इस्तीफे की पेशकश को नीतीश कुमार ने ठुकरा दी. वहीं नीतीश से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने कहा है कि वो नागरिकता कानून पर अपने रुख पर कायम है. प्रशांत किशोर ने बताया है कि नीतीश कुमार ने उनसे कहा कि पार्टी में कोई कुछ भी कहे, उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
गौरतलब है कि नए नागरिकता कानून पर नरेंद्र मोदी सरकार को पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष जहां केंद्र सरकार पर हमलावर है वहीं केंद्र और बिहार में एनडीए गठबंधन की सहयोगी जेडीयू के उपाध्यक्ष अलग सुर अलाप रहे हैं.
पार्टी लाइन से हटकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी इस कानून का विरोध जता रहे हैं. प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को भी कहा था कि संसद में बहुमत बरकरार रहा.
पहले भी जता चुके हैं विरोध
प्रशांत किशोर ने कहा था कि अब न्यायपालिका से परे, भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी गैर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर है, जो कानून का क्रियान्वयन करेंगे. पीके ने कहा कि तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब/केरल/पश्चिम बंगाल) ने नागरिकता कानून और एनआरसी को न कह दिया है.
We are told that #CAB is bill to grant citizenship and not to take it from anyone. But the truth is together with #NRC, it could turn into a lethal combo in the hands of Government to systematically discriminate and even prosecute people based on religion.#NotGivingUp
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 12, 2019
इससे पहले भी 10 दिसंबर को किए गए एक ट्वीट में प्रशांत किशोर ने नागरिकता विधेयक पर नाराजगी जताया था. प्रशांत किशोर ने कहा था कि 'नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन से दुखी हूं . यह बिल धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला है जो भेदभाव पूर्ण है.
'संविधान से मेल नहीं खाता नागरिकता कानून'
प्रशांत किशोर ने आगे अपनी ही पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि जदयू के द्वारा नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता है , जहां पर पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा हुआ है.
गौरतलब है कि इससे पहले जेडीयू ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, लेकिन किशोर ने उन सलाहों को नजरअंदाज करते हुए एक बार फिर अपनी नाराजगी सार्वजनिक की है.