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JDU की धमकी- अब 2014 जैसे हालात नहीं, BJP चाहे तो अकेले लड़ ले चुनाव

जेडीयू नेता ने साफ कहा है कि अगर बीजेपी को जेडीयू से गठबंधन की जरूरत न हो तो वह सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

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बीजेपी-जेडीयू में सीट बंटवारे पर खींचतान
बीजेपी-जेडीयू में सीट बंटवारे पर खींचतान

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2019 लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच एनडीए घटक दलों में खींचतान अब खुलकर सामने लगी है. बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चला रहे नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने कह दिया है नरेंद्र मोदी उनके समर्थन के बिना लोकसभा चुनाव में जीत नहीं पाएंगे.

बिहार में सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों के बीच चल रही रस्साकशी पर जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत फर्क है और बीजेपी को पता है कि नीतीश कुमार के बिना उनकी जीत आसान नहीं होगी.

दरअसल, जेडीयू और बीजेपी के बीच बात बनती दिख नहीं रही है. जेडीयू जहां 25 सीटों की मांग कर रही है, तो वहीं बीजेपी 22 सीटों से कम पर लड़ने को राजी नहीं है. बावजूद इसके जेडीयू एनडीए के घटक दलों के बीच व्यापक समझौते की उम्मीद लगाए हुए है, ताकि 2019 के लोकसभा और 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक पार्टी की सीटों की हिस्सेदारी निर्धारित हो सके.

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मगर, नेताओं के हाव-भाव और बयानों से असहमति सार्वजनिक होने लगी हैं. अब जेडीयू नेता ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि वह इस मसले पर कमजोर पड़ने वाली नहीं है. संजय सिंह ने कह दिया है कि अगर बीजेपी को जेडीयू से गठबंधन की जरूरत न हो तो वह सभी 40 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है.

2014 में मिली थीं 22 सीट

2014 के चुनाव में बीजेपी ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. पार्टी पिछले लोकसभा चुनावों के परिणाम के आधार पर ही समझौता करना चाहती है. जबकि बीजेपी के इस आधार को जेडीयू गलत मान रही है. जेडीयू का कहना है कि 2019 को 2014 न समझा जाए. उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि 'उप-चुनावों के नतीजे बताते हैं कि सार्वजनिक मनोदशा में बदलाव आया है.'

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