सदन में बहुमत साबित करने से ठीक एक दिन पहले बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. हॉर्स ट्रेडिंग और प्रलोभनों की तमाम खबरों के बीच मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अब गांधीगिरी पर जोर दे रहे हैं. हालांकि अपने अंदाज में वह इस दौरान भी खुला ऑफर देने से नहीं चूक रहे हैं. मांझी ने गुरुवार को एक सम्मेलन में लोगों से अपील की कि वे अपने विधायकों को मांझी का साथ देने के लिए मनाएं. मांझी ने कहा कि उनके पास मंत्रियों की बहुत सी सीटें खाली हैं और वह विधायकों को मंत्री पद भी दे सकते हैं.
पटना में गरीब स्वाभिमान सम्मेलन के दौरान मांझी ने कहा, 'मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह अपने विधायकों से बात करें. उनसे पूछें कि मांझी क्या गलत कर रहे हैं. उनसे कहें कि अगर वह मंत्री बनना चाहते हैं तो मेरे पास मंत्रियों की बहुत सी जगह खाली है. मैं उन्हें मंत्री बना सकता हूं.' मांझी ने कहा कि मैं अपने समुदाय के लोगों से अपील करता हूं कि वो अपने विधायकों से उनके पक्ष में वोट करने के लिए मनाएं.
...तो मंत्री मुझे और लोगों को गाली देंगे
अपनी बेबाक बयानबाजी से पहचान बना चुके मांझी ने इस दौरान कहा कि उन्होंने अपने समुदाय के लोगों के लिए काम करने की कोशिश की है. मांझी ने कहा, 'अगर आज मैं अपने समुदाय के लिए कुछ नहीं करता हूं, तो कल को जब मेरे समुदाय के लोग मंत्रियों के पास किसी काम से जाएंगे, तो मंत्री उन्हें और मुझे गाली देंगे. वो पूछेंगे कि सा** जब मांझी सीएम थे, तो उन्होंने तुम्हारे लिए कुछ क्यों नहीं किया.'
'मैं सिर्फ दस्तखत किए'
मांझी ने अपने संबोधन में एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश यही चाहते थे कि वे जो चाहे वही हो. ऐसा दो महीने तक हुआ भी. सीएम ने कहा, 'मुझसे कहा गया कि आप सिर्फ कागजों पर दस्तखत कीजिए. कैबिनेट के मंत्रियों की सूची पर भी मैंने सिर्फ दस्तखत ही किया. मैंने सिर्फ ट्रांसफर की फाइलों पर साइन किया.' मांझी ने आगे कहा कि वह गरीब हो सकते हैं, लेकिन धोखेबाज नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सदन में वह बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं, तो उन्होंने जिन योजनाओं की घोषणा की है, उसे गहरा धक्का पहुंचेगा. लेकिन अगर उनकी सरकार बनी रहती है कि तो सभी योजनाओं को दो महीने के अंदर लागू किया जाएगा.