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बाहुबली से दोस्ती और वो केस... जिसके चलते कार्तिकेय सिंह से छिना कानून मंत्रालय, जानिए अनंत के 'मास्टर साहब' की कहानी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है. कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का करीबी माना जाता है. आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था. इसके बाद से वे विवादों में थे. इसे लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी.

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कार्तिकेय सिंह और अनंत सिंह (फाइल फोटो)
कार्तिकेय सिंह और अनंत सिंह (फाइल फोटो)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवाद बढ़ने के बाद अपने मंत्री कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया है. अब उनकी शमीम अहमद कानून मंत्री होंगे. कार्तिकेय सिंह को गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया है. कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का करीबी माना जाता है. वे अपहरण के एक पुराने मामले को लेकर मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद से विवादों में थे. कार्तिकेय सिंह को लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी. इसके बाद नीतीश कुमार को उनका विभाग बदलना पड़ा. आईए जानते हैं कि आखिर वह अपहरण का केस कौन सा है? 

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कार्तिकेय सिंह को मोकामा के डॉन अनंत सिंह का खास माना जाता है. बताया जाता हैं जेल बंद अनंत सिंह का सारा कामकाज कार्तिकेय सिंह ही संभालते थे और वो अनंत सिंह ही थे, जिन्होंने कार्तिकेय सिंह को विधान पार्षद का चुनाव जितवाया था. कार्तिकेय सिंह को लोग अनंत सिंह के मास्टर के तौर पर भी जानते हैं. 

2014 में अपहरण का है मामला?

कार्तिकेय सिंह के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना समेत मोकामा और बिहटा में कई अपराधिक मामले दर्ज बताये जाते हैं. असली वजह ये कि कार्तिकेय सिंह को बिहार के बाहुबली नेता और माफिया डॉन अनंत सिंह का दायां हाथ माना जाता है. कार्तिकेय सिंह का नाम साल 2014 में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण मामले में आया था. राजू सिंह, कभी अनंत सिंह के करीबी सहयोगी थे. 2014 में पटना के पास से उन्हें वित्तीय लेनदेन के विवाद में कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया थ. बाद में पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला था. 

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पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह के अलावा कार्तिकेय सिंह और अन्य को भी आरोपी बनाया था. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ बिहटा थाना क्षेत्र में मुकदमा अपराध संख्या 859/2014 दर्ज है. बिहटा पुलिस ने कार्तिकेय सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें 363 (अपहरण), 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), और 365 शामिल हैं. 

सरेंडर करने के बजाय शपथ लेने पहुंचे

19 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पटना हाईकोर्ट ने 2017 में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ दानापुर कोर्ट ने इस साल जुलाई में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था और मोकामा पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. इसकी एक कॉपी पटना के एसपी को भी भेजी गई थी. इस मामले में बिहटा पुलिस पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. उन्हें 16 अगस्त को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करने के लिए कहा गया था. लेकिन इसके बावजूद वे इसी दिन राजभवन में शपथ लेने पहुंचे थे. 

कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक- कार्तिकेय सिंह

कार्तिकेय सिंह का कहना था कि मैंने एमएलसी बनने से पहले ही हलफनामे में इस केस का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि दानापुर कोर्ट ने 1 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. 

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बाहुबली अनंत सिंह से जुड़े अपराध और विवाद!  

- साल 2004 में बिहार एसटीएफ ने मोकामा में अनंत सिंह के आवास पर छापेमारी की थी. तब घंटों गोलीबारी हुई थी. एक जवान और अनंत सिंह के आठ लोग भी मारे गए. गोली अनंत सिंह को भी लगी लेकिन वे बचकर निकल गए. गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी. 

- जब साल 2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो उनके और अनंत के बीच बड़े और छोटे का रिश्ता चल रहा था. लेकिन साल 2007 में एक महिला से दुष्कर्म और हत्या के मामले में अनंत सिंह का नाम सामने आया. जब इस बारे में एक निजी चैनल के पत्रकार उनसे बात करने पहुंचे तो उनके समर्थकों ने पत्रकारों की जमकर पिटाई की और बंधक बनाकर रखा. मामले ने तूल पकड़ा और विधायक की गिरफ्तारी भी हुई लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली. 
 
- जब जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे तो अनंत ने उन्हें खुलेआम धमकाया था. अनंत ने नीतीश सरकार में मंत्री रहीं परवीन अमानुल्लाह को भी धमकी दी थी. उनका एके-47 लहराते हुए एक वीडियो भी वायरल हो चुका है. 

- 17 जून 2015 को अनंत सिंह के परिवार की किसी महिला को बाढ़ के बाजार में चार युवकों ने छेड़ दिया. इसको लेकर काफी हंगामा हुआ. आरोप है कि अनंत सिंह के इशारे पर उनके गुर्गों ने चारों युवकों को अगवा कर लिया. जिनमें से एक युवक की दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई थी. अगले दिन उसका शव जंगल में पड़ा मिला था.

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- इस मामले में अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था. मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और बाकी तीनों अपहृत युवकों को भी बरामद कर लिया था. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया था कि विधायक ने चारों युवकों को सबक सिखाने का आदेश दिया था, लेकिन वे बाकी युवकों को मारते इससे पहले ही पुलिस वहां पहुंच गई. 

- बाढ़ में अनंत सिंह के पैतृक घर में 16 अगस्त 2019 को पुलिस ने छापेमारी की थी. उनके घर से एक एके 47 राइफल, दो हैंड ग्रेनेड, मैगजीन में भरे हुए 26 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे. इस मामले में उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में विधायक अनंत सिंह ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था.


 

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