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बिहार: चंपारण के सरकारी कर्मचारी पहनेंगे खादी

जी हां अब बिहार के पूर्वी जिला चम्पारण के सभी सरकारी कर्मचारी अब सप्ताह में एक दिन खादी पहनकर कार्यालय में आयेंगे. इस निर्देश को जारी किया है पूर्वी चम्पारण जिले के जिला अधिकारी रमन कुमार जी ने. तो वही बिहार में महात्मा गांधी जी के चम्पारण यात्रा का 100वीं सालगिराह मनाई जा रही है. पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारी का मानना है कि सत्याग्रह के इस शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए और महात्मा गांधी जी के विचारों को याद रखने के लिए यह फैसला लिया गया है.

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बिहार में खादी को दिया बढ़ावा
बिहार में खादी को दिया बढ़ावा

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जी हां अब बिहार के पूर्वी जिला चंपारण के सभी सरकारी कर्मचारी अब सप्ताह में एक दिन खादी पहनकर कार्यालय में आएंगे. इस निर्देश को जारी किया है पूर्वी चंपारण जिले के जिला अधिकारी रमन कुमार जी ने. तो वही बिहार में महात्मा गांधी जी के चंपारण यात्रा का 100वीं सालगिराह मनाई जा रही है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी का मानना है कि सत्याग्रह के इस शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए और महात्मा गांधी जी के विचारों को याद रखने के लिए यह फैसला लिया गया है.

 मोहनदास करमचन्द गांधी को महात्मा बनाने का श्रेय चंपारण को ही जाता है. बापू की कर्म भूमि के नाम से जाना जाने वाला पूर्वी चम्पारण इन दिनों एक और कारण से चर्चा में है. बापू जी की याद में बिहार में चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. आज इसी कड़ी में पूर्वी चंपारण के डीएम रमन कुमार ने सरकारी कर्मचारियों को खादी का वस्त्र पहनने का निर्देश जारी किया है.

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 दरअसल डीएम की सोच है कि सिर्फ सरकारी पैसा खर्च कर बापू के नाम पर कार्यक्रम करने से बेहतर है कि लोगो का जुड़ाव बापू से और उनके आदर्शो से हो.

देश के कुटीर उधोग को खादी से होगा फायदा

अब प्रत्येक सप्ताह के शनिवार को मोतिहारी के सभी सरकारी कर्मी खादी का वस्त्र पहनेंगे जिससे न सिर्फ बापू के आदर्शो से जुड़ाव होगा बल्कि हमारें देशी उत्पाद की बिक्री भी बढ़ेगी. मोतिहारी के सभी अधिकारी और कर्मचारी को सप्ताह में एक दिन खादी का वस्त्र पहनना अनिवार्य होगा. तो वही मोतिहारी के डीएम की इस पहल को बेहतर कहा जा सकता है अगर कर्मचारियों के साथ आम लोग भी खादी पहनने लगे तो ये सोच देश के अन्य हिस्सों में भी लोगो के मन में भी उत्पन्न हो सकती है जिसका सीधा लाभ हमारे देश के कुटीर उधोग को मिलेगा और यही सच्ची श्रद्धांजलि महात्मा गांधी जी को होगी.

 

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