scorecardresearch
 

लालू परिवार को बेल मिलने पर लड्डू बांट रहे थे RJD विधायक, बीजेपी नेता ने फेंक दी ट्रे, VIDEO

बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायकों और बीजेपी विधायकों के बीच नोकझोंक हुई है. नौबत यहां तक आ गई कि लड्डू से भरी ट्रे फेंक दी गई. ये बवाल लालू परिवार की बेल वाले आदेश के बाद शुरू हुआ. दोनों बीजेपी और आरजेडी की तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए गए हैं.

Advertisement
X
बिहार विधानसभा में फेंके गए लड्डू
बिहार विधानसभा में फेंके गए लड्डू

बिहार विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ है. हंगामा इस कदर बढ़ गया कि लड्डू से भरी ट्रे भी फेंक दी गई. ये सारा बवाल तब शुरू हुआ जब लालू परिवार को लैंड फॉर जॉब घोटाले में कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई. उस जमानत के बाद बिहार विधानसभा के बाहर आरजेडी विधायक लड्डू बांटने लगे. बड़ी बात ये रही उस समय बीजेपी विधायक भी विधानसभा में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में टाइमिंग को लेकर बवाल हुआ और देखते ही देखते लड्डू फेंक दिए गए. उस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

Advertisement

उस वीडियो में आरजेडी विधायक लड्डू लेकर बीजेपी विधायक के पास पहुंचते हैं. उन्हें भी लालू परिवार के बेल मिलने पर लड्डू बांटे जाते थे. लेकिन ये देख बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर नाराज हो गए और उन्होंने लड्डुओं की ट्रे फेंक दी. उस वजह से बवाल ज्यादा बढ़ गया और दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गईं. इस बवाल पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हम सभी विधायक वहां पर मौजूद थे. हमने आरजेडी विधायकों को विधानसभा में छोड़ दिया था. लेकिन वो सभी गुंडागर्दी पर उतर आए. लड्डू देने के बहाने वो चीजें फेंकने लगे थे. उन्होंने हमे परेशान करने का काम किया. 

अब जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को लालू परिवार को लैंड फॉर जॉब घोटाले में जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सभी को जमानत दी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार को बड़ी राहत दी और अगली सुनवाई 29 मार्च को होने वाली है. केस की बात करें तो ये 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.

Advertisement

Advertisement
Advertisement