हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बुधवार को एनडीए का दामन छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए. बुधवार की शाम जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव की संयुक्त प्रेस वार्ता भी हुई, जहां इस बात का औपचारिक ऐलान किया गया.
इस संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने वो तमाम वजह बताईं, जिसके चलते उन्होंने एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया. दिलचस्प बात यह है कि इसी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांझी ने दावा किया कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उनसे टेलीफोन पर बातचीत की और महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया जिसके बाद उन्होंने ऐसा करने का फैसला लिया.
हालांकि, मांझी ने यह नहीं बताया कि लालू प्रसाद ने उनसे टेलीफोन पर कब बात की. मगर सवाल ये उठता है कि इस वक्त आरजेडी सुप्रीमो चारा घोटाले के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं, तो क्या लालू ने जेल से ही मांझी को टेलीफोन कर महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया?
सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से रांची जेल में बंद हैं और इससे पहले जीतन राम मांझी के महागठबंधन में शामिल होने की कोई खास चर्चा नहीं चल रही थी.
हाल के दिनों में जीतन राम मांझी की एनडीए से दूरियां इस वजह से बढ़ गई क्योंकि 11 मार्च को जहानाबाद विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए मांझी अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारना चाहते थे, मगर भाजपा ने उन्हें यह सीट नहीं दी और इसके बदले उन्होंने जदयू को यहां से चुनाव लड़ने के लिए कहा.
सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी चाहते थे कि आगामी राज्यसभा चुनावों में भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजे. मगर इसके लिए भी पार्टी तैयार नहीं हुई जिसके बाद मांझी का एनडीए से मोहभंग हो गया और उन्होंने महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया. यह सारा घटनाक्रम पिछले 15 दिनों का है, जब मांझी ने NDA छोड़ कर महागठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया.
सवाल उठता है तो क्या इन्हीं सब घटनाक्रम के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उन्हें रांची जेल से टेलीफोन करके महागठबंधन में शामिल होने के लिए कहा जिसका जिक्र मांझी ने बुधवार को किया?