अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 यानी एसटी/एससी एक्ट में बदलाव के खिलाफ सोमवार को दलित और आदिवासी संगठन देशभर में सड़क पर उतरे.
कई राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है. वहीं बिहार में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसटी/एससी एक्ट में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ज्ञापन सौंपा.
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ज्ञापन सौंपने वालों में राजद, कांग्रेस, जेडीयू, बीजेपी, रालोसपा समेत कई दलों के नेता शामिल थे. दलित संगठनों के मुखर विरोध के बीच सभी दलों के नेताओं का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, रेलवे प्रतिनिधिमंडल भी राज्यपाल से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने एससी/एसटी एक्ट में को लेकर केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की.
राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में जदयू नेता श्याम रजक, मंत्री महेश्वर हजारी के साथ रालोसपा, कांग्रेस और राजद के विधायक भी मौजूद थे. इन नेताओं का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश जारी किया है, उससे दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार और बढ़ेगा. हम चाहते हैं कि अब भी जितना अत्याचार हो रहा है उसे देखते हुए इस पर सरकार तुरंत फैसला ले.