राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद आज बिहार विधानसभा में महागठबंधन के विधायकों ने जमकर बवाल किया. बिहार की सत्ता पर काबिज महागठबंधन के नेताओं ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में महागठबंधन में शामिल जेडीयू, राजद, माले, कांग्रेस के विधायकों ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. इस दौरान कांग्रेस के विधायक काले कपड़े पहनकर बिहार विधानसभा के अंदर दाखिल हुए.
राहुल के साथ हुआ अन्याय- जेडीयू
जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि राहुल गांधी के साथ अन्याय हुआ है और उनके साथ केंद्र सरकार ने जो साजिश रची है,उसकी चिंगारी बिहार से उठ चुकी है. उन्होंने कहा, 'बिहार 2024 के लिए तैयार हो गया है. 56 इंच का सीना महज 14 इंच का बनकर रह जाएगा. केंद्र की तानाशाही के खिलाफ पूरे देश का विपक्ष राहुल गांधी के साथ खड़ा है. 2024 के लोकसभा में देश का सारा विपक्ष राहुल गांधी के साथ खड़ा होकर बीजेपी को धूल चटाने का काम करेगा.'
हम डरने वाले नहीं- आरजेडी
वहीं इस प्रदर्शन में शामिल राजद के विधायक मुन्ना यादव ने कहा कि केंद्र सरकार देश से सारे विपक्ष को खत्म करना चाहती है, लेकिन विपक्ष केंद्र की साजिश से डरने वाला नही हैं. मुन्ना यादव ने कहा, 'हम डरने वाले नही हैं और ना ही हम पीछे हटेंगे, हम एक जुट होकर राहुल गांधी के समर्थन में खड़े हैं.' कांग्रेस के विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा कि हमारे नेता की सदस्यता खत्म कर दी गई है और उनके साथ बिल्कुल गलत हुआ है और इसी के खिलाफ आज हम लोग काला कपड़ा पहनकर और हाथों पर काला पट्टी बांध कर सदन तक मार्च करेंगे.
जेडीयू के विधायक डॉक्टर संजीव ने कहा कि राहुल गांधी के ऊपर केवल मानहानि के केस में सदस्यता छीन ली गई. उनके साथ ऐसा किया गया हो जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया हो. उन्होंने कहा कि नीरव मोदी और ललित मोदी चोर हैं, तो चोर को चोर नही तो क्या बोलेंगे.'
मुस्लिम यूथ लीग की मशाल रैली
वहीं केरल में भी राहुल गांधी के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए मुस्लिम यूथ लीग के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कोझिकोड़ में मशाल रैली निकाली. रविवार रात आयोजित इस रैली में मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल और यूथ लीग के नेता सैय्यद मुनव्वर अली शिहाब ने भी भाग लिया. मुस्लिम यूथ लीग इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का युवा संगठन है, जो केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का एक प्रमुख घटक है.
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार पर भारत में 'लोकतंत्र की हत्या' करने का आरोप लगाया. थंगल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गांधी से डर गई थी, जिन्होंने निडर होकर उसके गलत कामों को उजागर किया.