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पर्यावरण को लेकर बिहार में बनी सबसे बड़ी मानव श्रृंखला, टूटा वर्ल्ड रिकॉर्ड

जल जीवन हरियाली को लेकर बिहार में बनी अब तक की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला को कवर करने के लिए 4 हेलीकॉप्टर, 3 हवाई जहाज के साथ-साथ 100 से अधिक ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया.

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मानव श्रृंखला में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया
मानव श्रृंखला में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया

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  • 4 हेलीकॉप्टर, 3 प्लेन और 100 ड्रोन से हुई कवरेज
  • 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए

जल जीवन हरियाली को लेकर बिहार में बनी अब तक की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला को कवर करने के लिए 4 हेलीकॉप्टर, 3 हवाई जहाज के साथ-साथ 100 से अधिक ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया. मौसम खराब होने के बावजूद इस मानव श्रृंखला ने इसमें भागीदारी और इसकी लंबाई को लेकर पिछले अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.

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बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि इस मानव श्रृंखला में 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए. श्रृंखला कि अनुमानित लंबाई 16 हजार किलोमीटर तय की गई थी, लेकिन ये बढ़कर 18,034 किलोमीटर तक गया. इस मानव श्रृंखला में आम जनता के साथ-साथ जेल में बंद 43445 कैदियों ने भी हिस्सा लिया. इतनी बड़ी श्रृंखला बनाकर बिहार ने अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया.

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शराब बंदी के पक्ष में 21 जनवरी 2017 को बनी मानव श्रृंखला में 3.5 करोड लोगों ने हिस्सा लिया था. उसके बाद 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह और दहेज उन्मूलन के खिलाफ राज्यव्यापी मानव श्रृंखला की लंबाई 14000 किलोमीटर थी जो पूरे विश्व में सामाजिक सरोकार एवं समाज सुधार के मुद्दों पर सबसे बड़ी श्रृंखला थी. इसके बाद बिहार ने बांग्लादेश को पीछे छोड़ते हुए विश्व में सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था.

इतने बड़े मानव श्रृंखला को कवर करने के लिए बिहार सरकार ने 12 हेलीकप्टर को हायर किया था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण 8 हेलीकप्टर नहीं आ पाए. इस मानव श्रृंखला के जरिए बिहार ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश देने की कोशिश की कि हम पर्यावरण को लेकर गंभीर हैं.

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