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बिहार में शराब माफियाओं के लिए मुसीबत बने मेडी और बॉबी, पुलिस भी लेती है मदद

बिहार में शराब माफियाओं को पकड़वाने में डॉग स्क्वायड के मेडी और बॉबी अपना योगदान दे रहे हैं. ये शराब माफियाओं के द्वारा छुपाई गई शराब को पलभर में सूंघकर ढूंढ निकालते हैं. वहीं, शरेना डॉग एक्सप्लोसिव ढूंढने में काफी मददगार है. तो डिंडी किसी भी घटनास्थल में अपराधी के द्वारा छोड़े गए साक्ष्यों को सूंघकर अपराधी का पता लगाने में माहिर है.

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मेडी और बॉबी.
मेडी और बॉबी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अवैध शराब को पलभर में ढूंढ निकालते हैं मेडी और बॉबी
  • शरेना डॉग एक्सप्लोसिव ढूंढने में है काफी मददगार
  • अपराधियों के साक्ष्यों को ढूंढ निकालता है डिंडी

शराब माफियाओं द्वारा छुपाई गई शराब को खोज-खोजकर निकालने और बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने में डॉग स्क्वायड के मेडी और बॉबी सरकार और पुलिस विभाग की मदद कर रहे हैं. मेडी और बॉबी के अलावा शरेना और डिंडी भी बिहार के छह जिलों को अपनी सेवा देकर पुलिस के हर ऑपरेशन को सफल बना रहे हैं. 

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डॉग स्क्वायड के इंचार्ज भूषण पासवान बताते हैं कि डॉग स्क्वायड के मेडी, बॉबी, शरेना और डिंडी अपने हुनर से प्रमंडल के 6 जिला मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया, शेखपुरा और बेगुसराय के कई मामलों में अपना योगदान दे चुके हें.

डॉग स्क्वायड के दो डॉग मेडी और बॉबी को शराब खोजी (लिकर डॉग) के नाम से जाना जाता है. क्योंकि ये दोनों बिहार सरकार के शराब बंदी को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं. ये शराब माफियाओं के द्वारा छुपाई गई शराब को पलभर में सूंघकर ढूंढ निकालते हैं. शराब खोजने के एक्सपर्ट मेडी को बेहतर प्रशिक्षण को लेकर सीआइडी विभाग के एडीजी बिनय कुमार के द्वारा साल 2019 में प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया गया है.

शरेना और डिंगी कर रहे पुलिस की मदद
वहीं, डॉग स्क्वायड का शरेना डॉग एक्सप्लोसिव ढूंढने में काफी मददगार है. जो नक्सल इलाकों में पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होती है. तो डिंडी किसी भी घटनास्थल में अपराधी के द्वारा छोड़े गए साक्ष्यों को सूंघकर अपराधी का पता लगाने में माहिर है.

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10 कर्मचारी करते हैं देखभाल
मुंगेर एसपी जग्गूनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने बताया कि पुलिस लाइन में रह रहे लिकर डॉग एवं ट्रेकर डॉग की देखरेख के लिए कूल 10 कर्मियों की नियुक्ति की गई है. डॉग स्क्वायड टीम मुंगेर डीआईजी के अंदर काम करती है और रोस्टर के अनुसार, इस टीम को समय-समय पर प्रमंडल के 6 जिलों में भेजा जाता है. साथ ही बताया कि सभी खोजी डॉग्स को मौसम के अनुरूप रखा जाता है. इस दौरान इनके खान-पान के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं सेहत का भी विशेष ख्याल रखा जाता है.

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