बिहार में बदले सियासी समीकरण के बीच बीजेपी और महागठबंधन में शह-मात का खेल शुरू हो गया है. 2024 के चुनाव में भले ही अभी एक साल से ज्यादा का वक्त बाकी हो, लेकिन नीतीश कुमार के पाला बदलने के साथ ही बीजेपी एक्टिव हो गई है. बिहार में बीजेपी के लिए फतह का जिम्मा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कंधों पर ले लिया है तो महागठबंधन ने भी उन्हें काउंटकर करने के लिए 2015 वाले फॉर्मूले पर ही रणनीति बनाई है. इस तरह से अमित शाह बिहार में जहां-जहां पर रैली करेंगे, उन्हीं-उन्हीं जगहों पर महागठबंधन भी जनसभा कर जवाब देगा.
शाह की रैली के जवाब में महागठबंधन की हुंकार
बीजेपी के दिग्गज नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पांच महीने पहले पूर्णिया के जिस रंगभूमि मैदान में जनभावना रैली की थी, अब उसी मैदान में महागठबंधन 25 फरवरी को रैली करने जा रहा है. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के सभी दलों के नेता एकसाथ मंच पर रहेंगे. महागठबंधन ने अपनी शक्ति प्रदर्शन करने के साथ विपक्षी एकता का संदेश देने की भी रणनीति बनाई है. महागठबंधन के सभी सातों पार्टियों के नेताओं ने बुधवार को एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रैली करने का ऐलान किया है.
अमित शाह की रैली का जवाब देने के लिए महागठबंधन ने भी सीमांचल के पूर्णिया में रैली करने का ऐलान किया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया कि पूर्णिया की रैली को नीतीश और तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के कई बड़े नेता संबोधित करेंगे. रैली में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार के अलावा सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और भागलपुर जिला के नेता और कार्यकर्ता के साथ-साथ गरीब, वंचित समाज को जोड़ने वाले सभी वर्ग के लोग शामिल होंगे.
बीजेपी को उसी तर्ज पर घेरेगा महागठबंधन
जगदानंद सिंह ने कहा कि जिस तरह से साम्प्रदायिक और उन्मादी शक्तियों के द्वारा देश और राज्य में माहौल खराब करने की साजिश चल रही है उसके खिलाफ एकजुट होकर वैसी ताकतों को जवाब देने की जरूरत है. ऐसे में महागठबंधन ने इस तरह से उन सभी जगहों पर रैली करने की रूपरेखा बनाई है, बिहार के जिन-जिन जगहों पर पीएम मोदी और अमित शाह की जनसभाएं होंगी. एक तरह से बिहार में बीजेपी और महागठबंधन के बीच बीच 'तू डाल-डाल, मैं पात-पात' की कवायद हो रही है.
महागठबंधन की पूर्णिया में जिस दिन रैली हो रही है, उसी दिन 25 फरवरी को बीजेपी किसान-मजदूर समागम पटना में करने जा रही है. इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शिरकत करने की संभावना है. इस तरह से 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में बीजेपी और महागठबंधन ने अपने-अपने चुनावी बिगुल फूंक दिए हैं. इसकी शुरुआत मुस्लिम बहुल सीमांचल वाले इलाके के पूर्णिया जिले से हो रही है.
2024 चुनाव में बिहार की सियासी अहमियत
2024 लोकसभा चुनाव के लिए बिहार राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गया है. बिहार के सियासी अहमियत को इस बात से भी समझा जा सकता है केंद्रीय अमित शाह कहते हैं कि जरूरत पड़ी तो एक माह में दो बार आऊंगा. लगातार बिहार का दौरा के पीछे अमित शाह का चुनावी मकसद साफ दिखता है. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17 सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि 16 सीटें जेडीयू को मिली थी और महज एक सीट कांग्रेस जीत सकी थी. आरजेडी का खाता भी नहीं खुला था. बीजेपी ने इस बार 35 प्लस सीटें जीतने का टारगेट रखा है. वहीं, महागठबंधन भी बीजेपी को उसी अंदाज में जवाब देने की तैयारी कर ली है, जिस तरह से 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राणनीति बनाई गई थी.
बीजेपी के खिलाफ 2015 का फॉर्मूला
बता दें कि बिहार के सियासी हालात एक बार फिर से 2015 की तरह से बन गए हैं. नीतीश कुमार महागठबंधन में हैं, जिसमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस सहित सात पार्टियां है. बीजेपी विपक्ष में है और अमित शाह ने मोर्चा संभाल रखा है. हालांकि, इस बार महागठबंधन में लेफ्ट पार्टियां और जीतनराम मांझी जैसे नेता भी शामिल हैं. आरसीपी सिंह जेडीयू से अलग हो चुके हैं और उपेंद्र कुशवाहा बागवत की राह पर हैं. इस तरह से 2015 की तरह ही सियासी समीकरण बने हुए हैं तो नीतीश कुमार भी बीजेपी को काउंटर करने के लिए 2015 के फॉर्मूले पर चल रहे हैं.
2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह जनसभा करके बिहार के जिन मुद्दों पर महागठबंधन और नीतीश कुमार को घेरते. रैली खत्म होने के फौरन बाद नीतीश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हर एक मुद्दे पर जवाब देते. इस तरह से बीजेपी को काउंटर करने की रणनीति महागठबंधन ने काम किया था. इसके चलते बीजेपी जो माहौल बनाने की कोशिश करती तो नीतीश कुमार काउंटर प्लान से उसकी हवा निकालने का दांव चलते थे. इसका राजनीतिक फायदा भी महागठबंधन को 2015 के चुनाव में मिला था. इसी तर्ज पर एक बार फिर नीतीश कुमार ने उसी रणनीति को अपनाया है और बीजेपी बिहार में जहां-जहां रैली करेगी, उसके जवाब में महागठबंधन भी रैली करेगा.